म्हारा घडी रे घडी रा रिछपाल सिमरु बाबा बजरंग ने।

टेर : म्हारा घडी रे घडी रा रिछपाल सिमरु बाबा बजरंग ने। थर थावर थारी करूं थरपना मंगल वारि भेंट, घृत चूरमो चढ़ा स्यूं बाबा आके सालासर थारे ठेठ। म्हारा घडी रे….. बालक पन में खेलत खेलत सूरज पकड्यो जाये, देवन आय कृ विनती तो मुख से दिया छिटकाय। म्हारा घडी रे….. सीता की सुध लें पधारे अंजनी सूत हनुमान, लंका जाये राख कर दीन्हि मारयो है अक्षय कुमार। म्हारा घडी रे….. कछ्मण के जब शक्ति लागी गिरयो धरण गम खाय, लाय सरजीवन घोल पिलाई जगे वीर महान। म्हारा घडी रे….. लछमन राम चुरा कर लेग्या अहिरावण निज धाम, ताहि समय बाबा सहाय करी है लायो है लछमन राम। म्हारा घडी रे….. बड़े बड़े कारज कर डारे थे अंजना के लाल, देवकी नंदन सहाय करो रे बेड़ो लंघाओं पार। म्हारा घडी रे…..

Pag Ghungroo – Namak Halal

Movie: Namak Halal
Year: 1982
Director: Prakash Mehra
Music: Bappi Lahiri
Lyrics: Anjaan
Singers: Kishore Kumar

बुजुर्गों ने
बुजुर्गों ने फ़रमाया की पैरों पे अपने खड़े होके दिखलाओ
फिर ये ज़माना तुम्हारा है
ज़माने के सुर ताल के साथ चलते चले जाओ
फिर हर तराना तुम्हारा फ़साना तुम्हारा है
अरे तो लो भैया हम
अपने पैरों के ऊपर खड़े हो गए
और मिलाली है ताल
दबालेगा दाँतों टेल उँगलियाँ लियां
ये जहाँ देखकर, देखकर अपनी चाल
वाह वाह वाह वाह
धन्यवाद

के पग घुंघरू
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
और हम नाचें बिन घुंघरू के
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
वो तीर भला, किस काम का है
जो तीर निशाने से चुके चुके चुके रे
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी

आप अन्दर से कुछ और बहार से कुछ और नज़र आते हैं
बाखुदा शकल से तो चोर नज़र आते हैं
उम्र गुज़री है साड़ी चोरी में
सारे सुख चैन बंद जुर्म के तिजोरी में

आप का तो लगता है बस यही सपना
राम नाम जपना पराया माल अपना
आप का तो लगता है बस यही सपना
राम नाम जपना पराया माल अपना
वतन का खाया नमक तो नमक हलाल बनो
फ़र्ज़ ईमान के जिंदा यहाँ मिसाल बनो
पराया धन परायी नार पे नज़र मत डालो
बुरी आदत है ये आदत अभी बदल डालो
क्योंके ये आदत तो वो आग है जो
इक दिन अपना घर फूंके फूंके फूंके रे
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी

मौसम-ए-इश्क में मचले हुवे अरमान हैं हम
दिल को लगता है के दो जिस्म एक जान है हम


ऐसा लगता है तो लगने में कुछ बुराई नहीं
दिल ये कहता है आप अपनी हैं पराई नहीं
संगे मर्मर के है, कोई मूरत हो तुम
बड़ी दिलकश बड़ी ख़ूबसूरत हो तुम
दिल दिल से मिलने क कोई महूरत हो प्यासे दिलों की ज़रुरत हो तुम
दिल चीर के दिख्लादूं मैं दिल में यहीं सूरत हसीन
क्या आपको लगता नहीं हम हैं मिले पहले कहीं
क्या देश है क्या जात है
क्या उम्र है क्या नाम है
अजी छोधिये इन बातों से हमको भला क्या काम है
अजी सुनिए तो
हम आप मिलें तो फिर हो शुरू अफ़साने लैला मजनू, लैला मजनू के
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी

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