Friday, November 1, 2024

हो भगवान, कोन कसुर विधना भेल बाम / मैथिली लोकगीत

हो भगवान, कोन कसुर विधना भेल बाम
मोहन तेजि गेला
अखाढ़हि मास इहो दुख भेल
आमुन - जामुन - कटहर पाकि गेल
कहब दुख ककरा
साओन बेलि फुलय कचनार
ककरा लय गांथब सुन्दर हार
ककरा पहिरायब
भादव रैनि भयाओन राति
ककरा शरण धय होयब ठाढ़
कि झहरय नीर
आसिन मास छल बिसबास
अओताह यदुपति पूरत आस
कहब दुख हुनके
कार्तिक कन्त गेलाह बिदेस
हमहुँ मरब जहर - बिख खाय
जमुना-जल धसि कय
अगहन खेते-खेते उपजल धान
रहितथि अवधपति, लबितथि धान
कि करितहुँ मे खीरे
करितौं लबान, बिनुपिया अगहन बिषम समान
कि झहरय नीरे

No comments:

Post a Comment

Featured post

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो Yunhi Be-Sabab Na Fira Karo Koi Bashir Badr Ghazal

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करो कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक स...