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प्रेम पर हिंदी की प्रसिद्ध कविताएँ Hindi Poetry on Love

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 तुम्हारे साथ रहकर सर्वेश्वरदयाल सक्सेना तुम्हारे साथ रहकर  अक्सर मुझे ऐसा महसूस हुआ है  कि दिशाएँ पास आ गई हैं,  हर रास्ता छोटा हो गया है,  दुनिया सिमटकर  एक आँगन-सी बन गई है  जो खचाखच भरा है,  कहीं भी एकांत नहीं  न बाहर, न भीतर।  हर चीज़ का आकार घट गया है,  पेड़ इतने छोटे हो गए हैं  कि मैं उनके शीश पर हाथ रख  आशीष दे सकता हूँ,  आकाश छाती से टकराता है,  मैं जब चाहूँ बादलों में मुँह छिपा सकता हूँ।  तुम्हारे साथ रहकर  अक्सर मुझे महसूस हुआ है  कि हर बात का एक मतलब होता है,  यहाँ तक कि घास के हिलने का भी,  हवा का खिड़की से आने का,  और धूप का दीवार पर  चढ़कर चले जाने का।  तुम्हारे साथ रहकर  अक्सर मुझे लगा है  कि हम असमर्थताओं से नहीं  संभावनाओं से घिरे हैं,  हर दीवार में द्वार बन सकता है  और हर द्वार से पूरा का पूरा  पहाड़ गुज़र सकता है।  शक्ति अगर सीमित है  तो हर चीज़ अशक्त भी है,  भुजाएँ अगर छोटी हैं,  तो सागर भी सिमटा हुआ है,...

देशभक्ति पर हिंदी कविता Deshbhakti Kavita Hindi Poem

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  देशभक्ति की कविताओं का संग्रह  झाँसी की रानी  देशभक्ति कविता  पथ भूल न जाना पथिक कहीं!  देशभक्ति कविता  हिमालय  देशभक्ति कविता  देश-प्रेम : मेरे लिए  Patriotic Poem Hindi  पुष्प की अभिलाषा  देशभक्ति कविता  वीरों का कैसा हो वसंत?  Deshbhakti Poetry  उठ जाग मुसाफ़िर  देशभक्ति कविता  शहीदों की चिताओं पर  Deshbhakti Kavita  आज देश की मिट्टी बोल उठी है  देशभक्ति कविता  क़दम क़दम बढ़ाए जा  Deshbhakti Poem  जेल में आती तुम्हारी याद  देश भक्ति कविता  झाँसी की रानी सुभद्राकुमारी चौहान सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नई जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की क़ीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी, चमक उठी सन् सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी। बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी। ख़ूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ कानपूर के नाना की मुँहबोली बहन '...