सूतलि छलहुँ हम एकसरि सजनी गे / मैथिली लोकगीत

सूतलि छलहुँ हम एकसरि सजनी गे
निन्दमे उठल चेहाय सजनी गे
सपनामे देखल पहु आयल सजनी गे
तखने टुटल मोर निन्द सजनी गे
देखल कहाँ पहु मोर सजनी गे
ककरा कहब बुझाइ सजनी गे
के कहत मोर दिल के बतिया
के मोहि करत दुलार सजनी गे
हमर अभाग केहन थिक सजनी गे
हुनकहि किए देब दोख सजनी गे
भनहि विद्यापति सुनू सजनी गे
स्वप्नक नहि बिसबास सजनी गे

Comments

Popular posts from this blog

लोरी और बालगीत फ़िल्मों से Baby Lori Song Hindi Lyrics

प्रिये हम जाइत छी वनवास / मैथिली लोकगीत

एक बार हम गएन बंबई नौकरी कीन्हा तीन / अवधी