फेर कहां जयबै ललन ससुररिया छोड़ि / मैथिली लोकगीत

फेर कहां जयबै ललन ससुररिया छोड़ि
कहां जयबै ललन परदेशिया
पूसहि मास प्रिय राति अन्हरिया
तोहरो नुकायब कोठरिया
कहां जयबै ललन परदेशिया
माघहि मास प्रिय जाड़क दिनमा
तोहरो ओढ़ायब चदरिया
कहां जयबै ललन परदेशिया
फागुन मास प्रिय होरिक दिनमा
रंग भरि मारब पिचकरिया
कहां जयबै ललन परदेशिया
चैतहि मास प्रिय चित्त सुधारब
दुहु मिलि गहब पलंगिया
कहां जयबै ललन परदेशिया

Comments

Popular posts from this blog

लोरी और बालगीत फ़िल्मों से Baby Lori Song Hindi Lyrics

प्रिये हम जाइत छी वनवास / मैथिली लोकगीत

एक बार हम गएन बंबई नौकरी कीन्हा तीन / अवधी