Friday, November 1, 2024

बम-बम भैरो हो भूपाल / मैथिली लोकगीत

बम-बम भैरो हो भूपाल
अपनी नगरिया भोला खेबि लगाबऽ पार
कथी केर नाव-नवेरिया, कथी करूआरि
कोने लाला खेबनहारे, कोन उतारे पार
सोने केर नाव-नवेरिया, रूपे करूआरि
भैरो लाला खेबनहारे, भोला उतारे पार
जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार
मोतीचूर के लडुआ चढ़ायब परसाद
हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान
बाबा के कमरथुआ चलै, उठौ घमसान
छोटे-मोटे भैरो लाला हाथीमे गुलेल
शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल

No comments:

Post a Comment

Featured post

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो Yunhi Be-Sabab Na Fira Karo Koi Bashir Badr Ghazal

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करो कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक स...