कि कहू सखिया हे मनक क्लेश / मैथिली लोकगीत

कि कहू सखिया हे मनक क्लेश
हमरो मनोरथ क्षणमे हरि लेल
हमरो हृदय केर केओ दुख नहि जाने
केवल ईश्वर पर आस लगेने
हमरो हृदयमे छल बड़ बात
से मोरा ईश्वर केलनि निराश
जौं मोरा प्रियतम रहितथि पासे
मन के मनोरथ पूरैत आसे
हमरो प्रीतम कठोर भए बैसल
मन नहि होअय विवेक
भनहि विद्यापति सुनू सखिया
घूरि आओत प्रीतम तोर

Comments

Popular posts from this blog

लोरी और बालगीत फ़िल्मों से Baby Lori Song Hindi Lyrics

प्रिये हम जाइत छी वनवास / मैथिली लोकगीत

एक बार हम गएन बंबई नौकरी कीन्हा तीन / अवधी