प्रिये हम जाइत छी वनवास सत्य प्रतिज्ञा कयलनि पिताजी, कैकेयी कयल प्रयास कौशिल्या सन सासु महलमे, तखन सिय रहु धय आश हिनकर सेवा करब उचित थिक, धैर्यहि विपत्तिक नाश कन्द मूल फल संयोगहि भेटत, लागत भूख पियास दुर्गम बाट दिन विकट जौं, लेब कहाँ कऽ बास प्रिय हम जाइत छी वनवास अन्य मैथिली लोकगीत सून भवन भेल भोर / मैथिली लोकगीत किछु ने रहल मोरा हाथ / मैथिली लोकगीत प्राणसँ प्रिय राम, हमरो प्राणसँ प्रिय राम / मैथिली लोकगीत जाइ छी ताही देश दधि-सुत, जाइ छी ताही देश / मैथिली लोकगीत नइया लाबऽ किनारा / मैथिली लोकगीत जुनि करू राम विरोग हे जननी / मैथिली लोकगीत हम ने जीअब बिनु राम हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम / मैथिली लोकगीत वचन प्रिय ई गोट मानल जाय / मैथिली लोकगीत श्यामा श्याम रचल हमर मनमे / मैथिली लोकगीत अँटकि जाहु एहिठाम / मैथिली लोकगीत दरसन दीअ भगवान / मैथिली लोकगीत राम लेता बास, ओही वन राम लेता बास / मैथिली लोकगीत कोइलिया नीको ने लागय तोहर बोल / मैथिली लोकगीत जाय दीअ यदुवीर, कृष्ण जाय दीअ यदुवीर / मैथिली लोकगीत नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली / मैथिली लोकगीत कओने वन बाजय मुरली / मैथिली ल...
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