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Showing posts from July, 2025

श्रीरुद्राष्टकम् न जानामि योगं जपं नैव पूजांनतोऽहं Shri Rudrashtakam Hindi

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 न जानामि योगं जपं नैव पूजांनतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्।  जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानंप्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो॥ हिंदी अर्थ श्री रुद्राष्टकम  मैं न तो योग जानता हूं, न जप और न पूजा ही. हे शम्भो, मैं तो सदा-सर्वदा आप को ही नमस्कार करता हूं. हे प्रभो! बुढ़ापा तथा जन्म के दु:ख समूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दु:खों से रक्षा कीजिए. हे शम्भो, मैं आपको नमस्कार करता हूं. Source – श्रीरुद्राष्टकम् – ८ English Shri Rudrashtakam  Oh Shambho, I know not yoga, or penance or worship or prayer,But I always honor you, Oh my Lord, always be my savior,Suffering the cycle of death, birth and old age, I burn,Lord, protect this pained one from grief, I offer you my devotion. भगवान शिव 

लोकाभि रामम् - संस्कृत एवं हिंदी अर्थ सहित Lokabhiramam Ranragdhiram Shri Ram Stuti Hindi

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संस्कृत स्तुति श्री राम जी की   लोकाभिरामं रंरगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम् । करुण्यरूपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥ लोकाभि-रामम रन्ना-रंगगा-धीरम राजीव-नेत्रम रघु-वंश-नाथम | कारुण्य-रूपं करुणा-कारान्तं श्रीरामाकैमद्रं शरणं प्रपद्ये || हिंदी अर्थ श्री राम स्तुति  1: (मैं श्री राम की शरण लेता हूं) जो लोगों को प्रसन्न करते हैं , जो युद्ध के मैदान में शांत और स्थिर रहते हैं , जिनकी आंखें नीले कमल के समान हैं, और जो रघु वंश के भगवान हैं , 2: जो करुणा के अवतार हैं और सभी परअपनी करुणा बरसाते हैं ; मैं श्री रामचन्द्र के चरण कमलों में शरण लेता हूँ  श्री राम स्तुति लोकाभिरामम 

सानंद मानंद वने वसंतम Meaning in hindi | काशी विश्वनाथ मंत्र

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  सानन्दमानन्दवने वसन्तं आनन्दकन्दं हतपापवृन्दम्। वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये॥ अर्थ (Meaning): यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है, जो काशी के आनंदवन क्षेत्र में निवास करते हैं। वे आनंद का स्रोत हैं और समस्त पापों का नाश करते हैं। इस मंत्र में व्यक्ति भगवान शिव से शरण की कामना करता है, जिन्हें अनाथों का नाथ और काशी के राजा कहा जाता है।