लोकाभि रामम् - संस्कृत एवं हिंदी अर्थ सहित Lokabhiramam Ranragdhiram Shri Ram Stuti Hindi
संस्कृत स्तुति श्री राम जी की
लोकाभिरामं रंरगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम् ।
करुण्यरूपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥
लोकाभि-रामम रन्ना-रंगगा-धीरम राजीव-नेत्रम रघु-वंश-नाथम |
कारुण्य-रूपं करुणा-कारान्तं श्रीरामाकैमद्रं शरणं प्रपद्ये ||
हिंदी अर्थ श्री राम स्तुति
1: (मैं श्री राम की शरण लेता हूं) जो लोगों को प्रसन्न करते हैं , जो युद्ध के मैदान में शांत और स्थिर रहते हैं , जिनकी आंखें नीले कमल के समान हैं, और जो रघु वंश के भगवान हैं , 2: जो करुणा के अवतार हैं और सभी परअपनी करुणा बरसाते हैं ; मैं श्री रामचन्द्र के चरण कमलों में शरण लेता हूँ
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