Thursday, March 9, 2017

Muh Ki Baat Sune Har Koi / मुँह की बात सुने हर कोई

मुँह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन

सदियों सदियों वही तमाशा
रस्ता रस्ता लंबी खोज़
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है जाने कौन

वो मेरा आईना है या मैं उसकी परछाई हूँ
मेरे ही घर में रहता है मुझ जैसा ही जाने कौन

किरन किरन अलसाता सूरज
पलक पलक खुलती नींदे
धीमे धीमे बिखर रहा है
जर्रा जर्रा जाने कौन

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