म्हारा घडी रे घडी रा रिछपाल सिमरु बाबा बजरंग ने।

टेर : म्हारा घडी रे घडी रा रिछपाल सिमरु बाबा बजरंग ने। थर थावर थारी करूं थरपना मंगल वारि भेंट, घृत चूरमो चढ़ा स्यूं बाबा आके सालासर थारे ठेठ। म्हारा घडी रे….. बालक पन में खेलत खेलत सूरज पकड्यो जाये, देवन आय कृ विनती तो मुख से दिया छिटकाय। म्हारा घडी रे….. सीता की सुध लें पधारे अंजनी सूत हनुमान, लंका जाये राख कर दीन्हि मारयो है अक्षय कुमार। म्हारा घडी रे….. कछ्मण के जब शक्ति लागी गिरयो धरण गम खाय, लाय सरजीवन घोल पिलाई जगे वीर महान। म्हारा घडी रे….. लछमन राम चुरा कर लेग्या अहिरावण निज धाम, ताहि समय बाबा सहाय करी है लायो है लछमन राम। म्हारा घडी रे….. बड़े बड़े कारज कर डारे थे अंजना के लाल, देवकी नंदन सहाय करो रे बेड़ो लंघाओं पार। म्हारा घडी रे…..

KUCH ISS TARAH LYRICS कुछ इस तरह गीत 1921

KUCH ISS TARAH LYRICS कुछ इस तरह गीत 1921

Song Title: Kuch Iss Tarah Lyrics
Movie: 1921
Singer: Arnab Dutta
Lyrics: Shakeel Azmi
Music: Harish Sagane
Music Label: Zee Music Company


KUCH ISS TARAH LYRICS कुछ इस तरह गीत 1921

 

हम्म हम्म..
कुछ इस तरह
कुछ इस तरह
ऐ रात थम ज़रा
कुछ इस तरह

कुछ इस तरह
कुछ इस तरह
ऐ रात थम ज़रा
कुछ इस तरह
दो जिस्म से एक जान में
ढल जाए हम ज़रा
कुछ इस तरह

ये जो चाँद लकीर सा है
आसमान पर
यूँ ही आँख में मेरी रहे
 चमकता रात भर

ऐ बादलों ज़रा सी
तुमसे इल्तजा है ये
फ़ना न हो उम्मीद के
सितारे डूबकर

कुछ इस तरह
कुछ इस तरह
ऐ रात थम ज़रा
कुछ इस तरह

अलविदा हमको कहे
मुस्कुरा के मौत भी
थोड़ी सी सांसें छुपा ले
सीने में कहीं

जी ले आ एक रात में
उम्र भर की ज़िन्दगी
कोई भी पल रह न जाये
जीने में कहीं

कुछ इस तरह
कुछ इस तरह
ऐ रात थम ज़रा
कुछ इस तरह
दो जिस्म से एक जान में
ढल जाए हम ज़रा
कुछ इस तरह

रूह की परवाज़ पे है
परिंदे इश्क के
हमको चाहत की नज़र से
देख आसमान
चाँद को भी रश्क है
लिख रहे हैं प्यार की
हम ऐसी दास्तां

कुछ इस तरह
कुछ इस तरह
ऐ रात थम ज़रा
कुछ इस तरह
दो जिस्म से एक जान में
ढल जाए हम ज़रा
कुछ इस तरह

 Kuch iss tarah, kuch iss tarah
Ae raat thamm zara kuch iss tarah


Kuch iss tarah, kuch iss tarah
Ae raat thamm zara kuch iss tarah
Do jism se ek jaan mein
Dhal jayein hum zara kuch iss tarah


Yeh jo chaand ik lakeer sa hai aasman par
Yoon hi aankh mein meri rahe chamakta raat bhar
Ae baadlon zara si tumse ilteja hai yeh
Fanna na hon ummeed ke sitare doob kar


Kuch iss tarah, kuch iss tarah
Ae raat thamm zara kuch iss tarah
Do jism se ek jaan mein
Dhal jayein hum zara kuch iss tarah


Alvida humko kahe muskura ke maut bhi
Thodi si saasein chhupa le seene mein kahin
Jee le aa ik raat mein umra bhar ki zindagi
Koyi bhi pal reh na jaye jeene mein kahin


Kuch iss tarah, kuch iss tarah
Ae raat thamm zara kuch iss tarah
Do jism se ek jaan mein
Dhal jayein hum zara kuch iss tarah


Rooh ki parwaz pe hain parinde ishq ke
Humko chahat ki nazar se dekh lo aasman
Aankh mein jo ahq hai
Chaand ko bhi rashk hai
Likh rahe hain pyar ki hum aisi dastaan


Kuch iss tarah, kuch iss tarah
Ae raat thamm zara kuch iss tarah
Do jism se ek jaan mein
Dhal jayein hum zara kuch iss tarah




Comments

Popular posts from this blog

जय जय गिरिराज किसोरी jai jai giriraj kishori jai mahesh mukh chand chakori bhawani bhajan from ramayan

बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला, पाँव में घुंगरू बांध के नाचे,

यह तो प्रेम की बात है उधो yeh to prem ki baat hai udho bandagi tere bas ki nahi hai

छम छम नाचे वीर हनुमान cham cham nache dekho veer hanumana

आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते हैं aa laut ke aaja hanuman tumheshree ram bulate hain

हंगामा हो गया Hungama Ho Gaya Lyrics in Hindi – Mika Singh, Anmol Malik

तोरा मन दर्पण कहलाये / भजन

तुम उठो सिया सिंगार करो / राम के शिव धनुष तोड़ने के अवसर का भजन

सतगुरु मैं तेरी पतंग satguru main teri patang hava vich urdi jaavangi

म्हारा घडी रे घडी रा रिछपाल सिमरु बाबा बजरंग ने।