Chaudhvin Ka Chand Ho – Chaudhvin Ka Chand
Movie: Chaudhvin Ka Chand
Year: 1960
Director: M. Sadiq
Music: Ravi
Lyrics: Shakeel Badayuni
Singers: Mohammed Rafi
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो
जुल्फें हैं जैसे काँधों पे बादल झुके हुए
जुल्फें हैं जैसे काँधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मै के प्याले भरे हुए
मस्ती है जिसमे प्यार की तुम, वो शराब हो
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो
चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कँवल
चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कँवल
या ज़िन्दगी के साज़ पे छेड़ी हुई ग़ज़ल
जाने बहार तुम किसी शायर का ख्वाब हो
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो
होठों पे खेलती हैं तबस्सुम की बिजलियाँ
होठों पे खेलती हैं तबस्सुम की बिजलियाँ
सजदे तुम्हारी राह में करती हैं कैकशां
दुनिया-ए-हुस्नो-इश्क का तुम ही शबाब हो
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो
Year: 1960
Director: M. Sadiq
Music: Ravi
Lyrics: Shakeel Badayuni
Singers: Mohammed Rafi
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो
जुल्फें हैं जैसे काँधों पे बादल झुके हुए
जुल्फें हैं जैसे काँधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मै के प्याले भरे हुए
मस्ती है जिसमे प्यार की तुम, वो शराब हो
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो
चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कँवल
चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कँवल
या ज़िन्दगी के साज़ पे छेड़ी हुई ग़ज़ल
जाने बहार तुम किसी शायर का ख्वाब हो
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो
होठों पे खेलती हैं तबस्सुम की बिजलियाँ
होठों पे खेलती हैं तबस्सुम की बिजलियाँ
सजदे तुम्हारी राह में करती हैं कैकशां
दुनिया-ए-हुस्नो-इश्क का तुम ही शबाब हो
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो
Comments