Tuesday, March 6, 2018

दूर अँधेरा हुआ मस्त सवेरा - Door Andhera Hua Mast Savera

Movie/Album: दो फूल (1958)
Music By: वसंत देसाई
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: लता मंगेशकर

दूर अँधेरा हुआ, मस्त सवेरा हुआ
मैं नाचूँ रे, आज मैं गाऊँ रे
धूप ख़ुशी की छाई, जान गले में आई
मैं नाचूँ रे, आज मैं गाऊँ रे

डोले रे अंग-अंग, मस्ती की ताल पर
झूले पतंग जैसे, चुटकी की ताल पर
लहराऊँ-बलखाऊँ जैसे बदरिया
मैं नाचूँ रे, आज मैं गाऊँ रे
दूर अँधेरा हुआ...

देखो जी देखो गोरी, नाचे छमा छम
जल की मछरिया तो, कूदे धमा धम
फूल बजाए, मंजीरे छना छन
बाजे जी दिल की ढोलक, धना धन
मैं नाचूँ रे, आज मैं गाऊँ रे
दूर अँधेरा हुआ...

ऊँचे-ऊँचे अंबुआ के झूले पे झूलूँ
फूलों की बात क्या तारों को छू लूँ
शरमा के ओढूँगी, बादल चुनरिया
मैं नाचूँ रे, आज मैं गाऊँ रे
दूर अँधेरा हुआ...

छेड़े पवन भी अपनी सितार को
मौजें नशे की आई बहार को
घूमे रे, झूमे रे सारी नगरिया
मैं नाचूँ रे, आज मैं गाऊँ रे
दूर अँधेरा हुआ...

No comments:

Post a Comment

Featured post

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो Yunhi Be-Sabab Na Fira Karo Koi Bashir Badr Ghazal

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करो कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक स...