Movie: Saathiya
Year: 2002
Director: Mani Ratnam
Music: A.R. Rahman
Lyrics: Gulzar
Singers: Sonu Nigam
साथिया, साथिया
मद्धम मद्धम तेरी गीली हंसी
साथिया, साथिया
सुन के हम ने सारी पी ली हंसी
हंसती रहे तू हंसती रहे हया की लाली खिलती रहे
ज़ुल्फ़ के नीचे गर्दन पे सुबह-ओ-शाम मिलती रहे
हंसती रहे तू हंसती रहे हया की लाली खिलती रहे
ज़ुल्फ़ के नीचे गर्दन पे सुबह-ओ-शाम मिलती रहे
सोंधी सी हंसी तेरी खिलती रहे मिलती रहे
पीली धुप पहन के तूम देखो बाग़ में मत जाना
भंवरे तुम को सब छेड़ेंगे फूलों में मत जाना
मद्धम मद्धम हंस दे फिर से
सोना सोना फिर से हंस दे
ताज़ा गिरे पत्ते की तरह सब्ज़ lawn पर लेते हुए
सात रंग हैं बहारों के एक अदा में लपेटे हुए
सावन भादों सारे तुमसे
मौसम मौसम हँसते रहना
मद्धम मद्धम हँसते रहना
साथिया, साथिया
मद्धम मद्धम तेरी गीली हंसी
साथिया, साथिया
सुन के हम ने सारी पी ली हंसी
कभी नीले आसमान पे चलो घूमनें चलें हम
कोई अब्र मिल गया तो ज़मीन पे बरस लें हम
तेरी बाली हिल गयी है कभी शब् चमक उठी है कभी शाम खिल गयी है
तेरे बालों की पनाह में इस सियाह रात गुज़ारे
तेरी काली काली आँखें कोई उजली बात उतारे
तेरी इक हंसी के बदले मेरी ये ज़मीन ले ले मेरा आसमान ले ले
साथिया, साथिया
मद्धम मद्धम तेरी गीली हंसी
साथिया, साथिया
सुन के हम ने सारी पी ली हंसी
बर्फ गिरी हो वादी में
उन में लिपटी सिमटी हुयी
बर्फ गिरी हो वादी में और हंसी तेरी गूंजी
उन में लिपटी सिमटी हुयी बात करे धुवां निकले
गरम गरम उजला धुवां नरम नरम उजाला धुवां
Bollywood Movie Lyrics in Hindi, Hindi Movie Song Lyrics in Hindi, Classic,Old,New Bollywood Songs Lyrics Hindi , Indian Movie Lyrics in Hindi Font हिंदी गाने - हिंदी गीत लिरिक्स हिंदी में
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Featured post
यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो Yunhi Be-Sabab Na Fira Karo Koi Bashir Badr Ghazal
यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करो कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक स...

-
बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला, पाँव में घुंगरू बांध के नाचे, जपे राम की माला, बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला।। सिया राम ही राम पुकारे, हनुमत जाए ...
-
जय जय गिरिबरराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी॥ जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनी दुति गाता॥ देवी पूजि पद कमल तुम्हारे। सुर नर मुनि सब होह...
-
श्री शिवाष्टक आदि अनादि अनंत अखंड अभेद अखेद सुबेद बतावैं। अलग अगोचर रूप महेस कौ जोगि-जति-मुनि ध्यान न पावैं॥ आग-निगम-पुरान सबै इतिहास सदा जि...
No comments:
Post a Comment