Saturday, March 10, 2018

Taare Zameen Par – Taare Zameen Par

Movie: Taare Zameen Par
Year: 2007
Director: Aamir Khan
Music: Shankar-Ehsaan-Loy
Lyrics: Prasoon Joshi
Singers: Shankar Mahadevan, Dominique Cerejo, Vivienne Pocha

देखो इन्हें ये हैं ओस की बूँदें
पत्तों की गोद में आसमान से कूदे
अंगडाई लें फिर करवट बदल कर
नाज़ुक से मोती हंस दे फिसल कर
खो ना जाए ये तारे ज़मीन पर

यह तो हैं सर्दी में धुप की किरणे
उतरें जो आँगन को सुन्हेरा सा करने
मन के अंधेरों को रोशन सा कर दें
ठिठुरती हथेली की रंगत बदल दें
खो ना जाए ये तारे ज़मीन पर

जैसे आँखों की डिबिया में निंदिया, और निंदिया में मीठा सा सपना
और सपने में मिल जाए फ़रिश्ता सा कोई
जैसे रंगों भरी पिचकारी, जैसे तितलियाँ फूलों की क्यारी
जैसे बिना मतलब का प्यारा रिश्ता हो कोई
ये तो आशा की लहर हैं, ये तो उम्मीद की सेहर हैं
खुशियों की नेहर हैं
खो ना जाए ये तारे ज़मीन पर

देखो रातों के सीने पे ये तो, झिलमिल किसी लौ से उगे हैं
यह तो अम्बियाँ की खुसबू हैं, बागों से बेह चले
जैसे कांच में चूड़ी के टुकड़े, जैसे खिले खिले फूलों के मुखडे
जैसे बंसी कोई बजाये पेड़ों के तले
ये तो झोंके हैं पवन के, हैं ये घुँघरू जीवन के
ये तो सुर हैं चमन के
खो ना जाए ये तारे ज़मीन पर

मुहले की रौनक, गलियां हैं जैसे
खिलने की ज़िद पर, कलियाँ हैं जैसे
मुठी में मौसम की जैसे हवाएं
ये हैं बुजुर्गों के दिल की दुवाएं
खो ना जाए ये तारे ज़मीन पर

कभी बातें जैसे दादी नानी, कभी छलकें जैसे मम मम पानी
कभी बन जाए भोले, सवालों की झड़ी
(खो ना जाए ये) सन्नाटे में हंसी के जैसे, सूनी होठों पे ख़ुशी के जैसे
ये तो नूर हैं बरसे गर तेरी किस्मत हो बड़ी
(खो ना जाए)
जैसे झील में लहराए चंदा, जैसे भीड़ में अपने का कन्धा
जैसे मनमौजी नदिया झाग उडाये कुछ कहे
जैसे बैठे मीठी सी झपकी, जैसे प्यार की धीमी सी थपकी
जैसे कानों में सरगम हरदम बजती ही रहे (ओ ओ ओ)
जैसे बरखा उड़ाती है बुंदिया
खो ना जाए, खो ना जाए, खो ना जाए ये, खो ना जाए ये
खो ना जाए ये

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