Tanhayee – Dil Chahta Hai
Movie: Dil Chahta Hai
Year: 2001
Director: Farhan Akhtar
Music: Shankar-Ehsaan-Loy
Lyrics: Javed Akhtar
Singers: Sonu Nigam
तन्हाई, तन्हाई
दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खायी
टूटे ख्वाब सारे एक मायूसी है छायी
हर ख़ुशी सो गयी, ज़िन्दगी खो गयी
तुमको जो प्यार किया मैंने तो सज़ा मैं पायी
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
ख्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते है इन आँखों में
ख्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते है इन आँखों में
कल कोई था यहीं, अब कोई भी नहीं
बनके नागिन जैसे है साँसों में लहेराई
तन्हाई, तन्हाई, पलकों पे कितने आंसू है लायी
तन्हाई, तन्हाई, पलकों पे कितने आंसू है लायी
क्यूं ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे नाकाम हुई
दूर बनायी थी मंजिल तो रस्ते में ही शाम हुई
क्यूं ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे नाकाम हुई
दूर बनायी थी मंजिल तो रस्ते में ही शाम हुई
अब कहाँ जाऊं मैं, किसको समझाऊँ मैं
क्या मैंने चाहा था और क्यूं किस्मत में आई
तन्हाई, तन्हाई, जैसे अंधेरो की हो गहराई
दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खायी
टूटे ख्वाब सारे एक मायूसी है छायी
हर ख़ुशी सो गयी, ज़िन्दगी खो गयी
तुमको जो प्यार किया मैंने तो सज़ा मैं पायी
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
तन्हाई, तन्हाई, तन्हाई, तन्हाई
Year: 2001
Director: Farhan Akhtar
Music: Shankar-Ehsaan-Loy
Lyrics: Javed Akhtar
Singers: Sonu Nigam
तन्हाई, तन्हाई
दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खायी
टूटे ख्वाब सारे एक मायूसी है छायी
हर ख़ुशी सो गयी, ज़िन्दगी खो गयी
तुमको जो प्यार किया मैंने तो सज़ा मैं पायी
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
ख्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते है इन आँखों में
ख्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते है इन आँखों में
कल कोई था यहीं, अब कोई भी नहीं
बनके नागिन जैसे है साँसों में लहेराई
तन्हाई, तन्हाई, पलकों पे कितने आंसू है लायी
तन्हाई, तन्हाई, पलकों पे कितने आंसू है लायी
क्यूं ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे नाकाम हुई
दूर बनायी थी मंजिल तो रस्ते में ही शाम हुई
क्यूं ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे नाकाम हुई
दूर बनायी थी मंजिल तो रस्ते में ही शाम हुई
अब कहाँ जाऊं मैं, किसको समझाऊँ मैं
क्या मैंने चाहा था और क्यूं किस्मत में आई
तन्हाई, तन्हाई, जैसे अंधेरो की हो गहराई
दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खायी
टूटे ख्वाब सारे एक मायूसी है छायी
हर ख़ुशी सो गयी, ज़िन्दगी खो गयी
तुमको जो प्यार किया मैंने तो सज़ा मैं पायी
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
तन्हाई, तन्हाई, तन्हाई, तन्हाई
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