Titliyon Ki Phoor – Angel
Movie: Angel
Year: 2011
Director: Ganesh Acharya
Music: Amjad-Nadeem
Lyrics: Shabbir Ahmed
Singers: Shweta Pandit
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर फूर
कैकाहों के फूर, चैचओं की फूर
उँगलियों की फूर फूर
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर फूर
कैकाहों के फूर, चैचओं की फूर
उँगलियों की फूर फूर
रातों में उडूं जुगनू बनके
और सुबह खिलूँ खुशबू बनके
खुली खुली खुली इन फिजाओं में
उडूं उडूं उडूं इन दिशाओं में
मेरी मेरी बाहों में दो जहाँ
फिर क्यूँ मेरा दम घुटे, फूर
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर फूर
कैकाहों के फूर, चैचओं की फूर
उँगलियों की फूर फूर
पानी में मछली की तरह चलूँ
सना नाना नाना सन सन
पानी में मछली की तरह चलूँ
सना नाना नाना सन सन
उडती फिजाओं को छूलूं
सना नाना नाना सन सन
आँखों में पुतली बनके मैं रहूँ
पाऊँ में पायल बनके मैं मचुं, छन
उडूं उडूं उडूं इन दिशाओं में
मेरी मेरी बाहों में दो जहाँ
फिर क्यूँ मेरा दम घुटे, फूर
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर फूर
कैकाहों के फूर, चैचओं की फूर
उँगलियों की फूर फूर
नीम की डाली पे झूलूं
सना नाना नाना सन सन
हाँ नीम की डाली पे झूलूं
सना नाना नाना सन सन
हाथों से चाँद को छूलूं
सना नाना नाना सन सन
मन छूये ख्वाबों में चलती फिरून
आसमान की सिम्तुड़ाने भरूं
खुली खुली खुली इन फिजाओं में
उडूं उडूं उडूं इन दिशाओं में
मेरी मेरी बाहों में दो जहाँ
फिर क्यूँ मेरा दम घुटे, फूर
Year: 2011
Director: Ganesh Acharya
Music: Amjad-Nadeem
Lyrics: Shabbir Ahmed
Singers: Shweta Pandit
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर फूर
कैकाहों के फूर, चैचओं की फूर
उँगलियों की फूर फूर
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर फूर
कैकाहों के फूर, चैचओं की फूर
उँगलियों की फूर फूर
रातों में उडूं जुगनू बनके
और सुबह खिलूँ खुशबू बनके
खुली खुली खुली इन फिजाओं में
उडूं उडूं उडूं इन दिशाओं में
मेरी मेरी बाहों में दो जहाँ
फिर क्यूँ मेरा दम घुटे, फूर
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर फूर
कैकाहों के फूर, चैचओं की फूर
उँगलियों की फूर फूर
पानी में मछली की तरह चलूँ
सना नाना नाना सन सन
पानी में मछली की तरह चलूँ
सना नाना नाना सन सन
उडती फिजाओं को छूलूं
सना नाना नाना सन सन
आँखों में पुतली बनके मैं रहूँ
पाऊँ में पायल बनके मैं मचुं, छन
उडूं उडूं उडूं इन दिशाओं में
मेरी मेरी बाहों में दो जहाँ
फिर क्यूँ मेरा दम घुटे, फूर
तितलियों की फूर, बदलियों की फूर
पंछियों की फूर फूर
कैकाहों के फूर, चैचओं की फूर
उँगलियों की फूर फूर
नीम की डाली पे झूलूं
सना नाना नाना सन सन
हाँ नीम की डाली पे झूलूं
सना नाना नाना सन सन
हाथों से चाँद को छूलूं
सना नाना नाना सन सन
मन छूये ख्वाबों में चलती फिरून
आसमान की सिम्तुड़ाने भरूं
खुली खुली खुली इन फिजाओं में
उडूं उडूं उडूं इन दिशाओं में
मेरी मेरी बाहों में दो जहाँ
फिर क्यूँ मेरा दम घुटे, फूर
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