ज़िंदगी LYRICS IN HINDI Arijit Singh
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
ह्म..
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
रात भर गयी कभी तो दिन अकेला है
रात भर गयी कभी तो दिन अकेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
ह्म...
जीने के लिए तू रोज़ खर्ची देती है
जीने के लिए तू रोज़ खर्ची देती है
कितने साँस लेने हैं, वो गिन भी लेती है
सब अकेले हैं मगर फिर भी मेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
सुकून भी तो दे कभी, डराए रखती है
सुकून भी तो दे कभी, डराए रखती है
उम्मीद के चिराग भी जलाए रखती है
हमने कितनी देर तेरा दर्द झेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
रात भर गयी कभी तो दिन अकेला है
रात भर गयी कभी तो दिन अकेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
ह्म...
ह्म..
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
रात भर गयी कभी तो दिन अकेला है
रात भर गयी कभी तो दिन अकेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
ह्म...
जीने के लिए तू रोज़ खर्ची देती है
जीने के लिए तू रोज़ खर्ची देती है
कितने साँस लेने हैं, वो गिन भी लेती है
सब अकेले हैं मगर फिर भी मेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
सुकून भी तो दे कभी, डराए रखती है
सुकून भी तो दे कभी, डराए रखती है
उम्मीद के चिराग भी जलाए रखती है
हमने कितनी देर तेरा दर्द झेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
रात भर गयी कभी तो दिन अकेला है
रात भर गयी कभी तो दिन अकेला है
ज़िंदगी तूने कैसा टॉस खेला है
ह्म...
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