छपाक Chhapaak – Arijit Singh Lyrics
Chhapaak Lyrics in Hindi from movie Chhapaak sung by Arijit Singh, lyrics written by Gulzar, music composed by Shankar Ehsaan Loy. Starring Deepika Padukone, Vikrant Massey. Music Label Zee Music Company.
गाना: छपाक
फिल्म: छपाक
गायक: अरिजीत सिंह
गीतकार: गुलज़ार
संगीतकार: शंकर-एहसान-लॉय
और आंख से हटा के
चंद छींटें उड़ा के जो गया
छपाक से पहचान ले गया
एक चेहरा गिरा
जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
ना चाह न चाहत कोई
ना कोई ऐसा वादा है
हा
ना चाह न चाहत कोई
ना कोई ऐसा वादा है
हाथ में अंधेरा
और आंख में इरादा
कोई चेहरा मिटा के
और आंख से हटा के
चंद छींटें उड़ा के जो गया
छपाक से पहचान ले गया
एक चेहरा गिरा
जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
बेमानी सा जुनून था
बिन आग के धुआं
बेमानी सा जुनून था
बिन आग के धुआं
ना होश ना ख्याल
सोच अंधा कौन
कोई चेहरा मिटा के
और आंख से हटा के
चंद छींटें उड़ा के जो गया
छपाक से पहचान ले गया
एक चेहरा गिरा
जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
आरज़ू थी शौक थे
वो सारे हट गए
कितने सारे जीने के तागे कट गए
आरज़ू थी शौक थे
वो सारे हट गए
कितने सारे जीने के तागे कट गए
सब झुलस गया
कोई चेहरा मिटा के
एक चेहरा गिरा
जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
छपाक से पहचान ले गया
पहचान ले गया
पहचान ले गया
गाना: छपाक
फिल्म: छपाक
गायक: अरिजीत सिंह
गीतकार: गुलज़ार
संगीतकार: शंकर-एहसान-लॉय
Chhapaak Lyrics in Hindi
कोई चेहरा मिटा केऔर आंख से हटा के
चंद छींटें उड़ा के जो गया
छपाक से पहचान ले गया
एक चेहरा गिरा
जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
ना चाह न चाहत कोई
ना कोई ऐसा वादा है
हा
ना चाह न चाहत कोई
ना कोई ऐसा वादा है
हाथ में अंधेरा
और आंख में इरादा
कोई चेहरा मिटा के
और आंख से हटा के
चंद छींटें उड़ा के जो गया
छपाक से पहचान ले गया
एक चेहरा गिरा
जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
बेमानी सा जुनून था
बिन आग के धुआं
बेमानी सा जुनून था
बिन आग के धुआं
ना होश ना ख्याल
सोच अंधा कौन
कोई चेहरा मिटा के
और आंख से हटा के
चंद छींटें उड़ा के जो गया
छपाक से पहचान ले गया
एक चेहरा गिरा
जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
आरज़ू थी शौक थे
वो सारे हट गए
कितने सारे जीने के तागे कट गए
आरज़ू थी शौक थे
वो सारे हट गए
कितने सारे जीने के तागे कट गए
सब झुलस गया
कोई चेहरा मिटा के
एक चेहरा गिरा
जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
छपाक से पहचान ले गया
पहचान ले गया
पहचान ले गया
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