भारत एक साथ है Bharat Ek Saath Hai Lyrics in Hindi -Sonu Sood
Bharat Ek Saath Hai Lyrics in Hindi sung by Sonu Sood. The song is written by Sonu Sood and music composed by M Veer.
Lyrics: Sonu Sood
Music: M Veer
Music Label: T Series
इस रात से लड़ने के लिए
पूरा भारत एक साथ है
तेरी कोशिश मेरी कोशिश रंग लाएगी
मौत के इस मैदान में
ज़िन्दगी जीत जाएगी
फिर उसी भीड़ का हिस्सा होंगे
बस सिर्फ कुछ ही दिनों की बात है
माना की घनी रात है
मगर पूरा भारत एक साथ है
इन ऊँची ऊँची इमारतों की
छोटी छोटी खिडकियों में सपने बड़े हैं
फिलहाल संभल जान बचा
सड़कों पर तेरे मेरे रखवाले खड़े हैं
फिर खुशियों का मौसम आएगा
पक्का अपना विश्वास है
माना की घनी रात है
इस रात से लड़ने के लिए
पूरा भारत एक साथ है
माना की घनी रात है
कोई मौत से लड़कर ज़िन्दगी बचा रहा है
कोई कचरा उठाकर भी ताली बजा रहा है
कोई खुद की परवाह किये बिना
अपना फ़र्ज़ निभा रहा है
इंसानियत है सबसे पहले
ना कोई धर्म ना जात है
माना की घनी रात है
मगर आज पूरा भारत एक साथ है
जिसने तेरा घर संवारा
आज वो खुद बेघर है
चल पड़ा है सड़क नापने
चेहरे पे शिकन मन में डर है
आओ खोल दें अपने घर के दरवाज़े
कहें कुछ दिन बस येही तेरा घर है
माना की काली घनी रात है
मगर पूरा भारत एक साथ है
Song Title: Bharat Ek Saath Hai Lyrics
Singer: Sonu SoodLyrics: Sonu Sood
Music: M Veer
Music Label: T Series
Bharat Ek Saath Hai Lyrics in Hindi
माना की घनी रात हैइस रात से लड़ने के लिए
पूरा भारत एक साथ है
तेरी कोशिश मेरी कोशिश रंग लाएगी
मौत के इस मैदान में
ज़िन्दगी जीत जाएगी
फिर उसी भीड़ का हिस्सा होंगे
बस सिर्फ कुछ ही दिनों की बात है
माना की घनी रात है
मगर पूरा भारत एक साथ है
इन ऊँची ऊँची इमारतों की
छोटी छोटी खिडकियों में सपने बड़े हैं
फिलहाल संभल जान बचा
सड़कों पर तेरे मेरे रखवाले खड़े हैं
फिर खुशियों का मौसम आएगा
पक्का अपना विश्वास है
माना की घनी रात है
इस रात से लड़ने के लिए
पूरा भारत एक साथ है
माना की घनी रात है
कोई मौत से लड़कर ज़िन्दगी बचा रहा है
कोई कचरा उठाकर भी ताली बजा रहा है
कोई खुद की परवाह किये बिना
अपना फ़र्ज़ निभा रहा है
इंसानियत है सबसे पहले
ना कोई धर्म ना जात है
माना की घनी रात है
मगर आज पूरा भारत एक साथ है
जिसने तेरा घर संवारा
आज वो खुद बेघर है
चल पड़ा है सड़क नापने
चेहरे पे शिकन मन में डर है
आओ खोल दें अपने घर के दरवाज़े
कहें कुछ दिन बस येही तेरा घर है
माना की काली घनी रात है
मगर पूरा भारत एक साथ है