आरती कीजै सरस्वती की / आरती

आरती कीजै सरस्वती की,
जननि विद्या बुद्धि भक्ति की। आरती...

जाकी कृपा कुमति मिट जाए।
सुमिरण करत सुमति गति आये,
शुक सनकादिक जासु गुण गाये।
वाणि रूप अनादि शक्ति की॥ आरती...

नाम जपत भ्रम छूट दिये के।
दिव्य दृष्टि शिशु उध हिय के।
मिलहिं दर्श पावन सिय पिय के।
उड़ाई सुरभि युग-युग, कीर्ति की। आरती...

रचित जास बल वेद पुराणा।
जेते ग्रन्थ रचित जगनाना।
तालु छन्द स्वर मिश्रित गाना।
जो आधार कवि यति सती की॥ आरती..

सरस्वती की वीणा-वाणी कला जननि की॥

Comments

Popular Lyrics / Posts

लोरी और बालगीत फ़िल्मों से Baby Lori Song Hindi Lyrics

रामलला नहछू / तुलसीदास

रातां लम्बियां Raataan Lambiyan Lyrics in Hindi – Jubin Nautiyal, Asees Kaur

सोहर / अवधी

आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते हैं aa laut ke aaja hanuman tumheshree ram bulate hain

देशभक्ति की कविताओं का संकलन Deshbhakti ki Kavita

राधा के चरण Radha Ke Charan Lyrics in Hindi – Vishal Mishra

अबहीं बारी है हमारी उमिरिया बाबा / अवधी

आरती युगलकिशोर की कीजै / आरती

बंसी तो बाजी मेरे रंग-महल में / अवधी