Bollywood Movie Lyrics in Hindi,
Hindi Movie Song Lyrics in Hindi,
Classic,Old,New Bollywood Songs Lyrics Hindi , Indian Movie Lyrics in Hindi Font हिंदी गाने - हिंदी गीत लिरिक्स हिंदी में
टेर : म्हारा घडी रे घडी रा रिछपाल सिमरु बाबा बजरंग ने। थर थावर थारी करूं थरपना मंगल वारि भेंट, घृत चूरमो चढ़ा स्यूं बाबा आके सालासर थारे ठेठ। म्हारा घडी रे….. बालक पन में खेलत खेलत सूरज पकड्यो जाये, देवन आय कृ विनती तो मुख से दिया छिटकाय। म्हारा घडी रे….. सीता की सुध लें पधारे अंजनी सूत हनुमान, लंका जाये राख कर दीन्हि मारयो है अक्षय कुमार। म्हारा घडी रे….. कछ्मण के जब शक्ति लागी गिरयो धरण गम खाय, लाय सरजीवन घोल पिलाई जगे वीर महान। म्हारा घडी रे….. लछमन राम चुरा कर लेग्या अहिरावण निज धाम, ताहि समय बाबा सहाय करी है लायो है लछमन राम। म्हारा घडी रे….. बड़े बड़े कारज कर डारे थे अंजना के लाल, देवकी नंदन सहाय करो रे बेड़ो लंघाओं पार। म्हारा घडी रे…..
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Hum Katha Sunate Lyrics हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की
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Hum Katha Sunate Ram Sakal Gundhan Ki Lyrics Hindi
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
श्लोक – ॐ श्री महागणाधिपतये नमः,
ॐ श्री उमामहेश्वराभ्याय नमः।
वाल्मीकि गुरुदेव के पद पंकज सिर नाय,
सुमिरे मात सरस्वती हम पर होऊ सहाय।
मात पिता की वंदना करते बारम्बार,
गुरुजन राजा प्रजाजन नमन करो स्वीकार।।
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
जम्बुद्विपे भरत खंडे आर्यावर्ते भारतवर्षे,
एक नगरी है विख्यात अयोध्या नाम की,
यही जन्म भूमि है परम पूज्य श्री राम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
रघुकुल के राजा धर्मात्मा,
चक्रवर्ती दशरथ पुण्यात्मा,
संतति हेतु यज्ञ करवाया,
धर्म यज्ञ का शुभ फल पाया।
नृप घर जन्मे चार कुमारा,
रघुकुल दीप जगत आधारा,
चारों भ्रातों के शुभ नामा,
भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण रामा।।
गुरु वशिष्ठ के गुरुकुल जाके,
अल्प काल विद्या सब पाके,
पूरण हुई शिक्षा,
रघुवर पूरण काम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
मृदु स्वर कोमल भावना,
रोचक प्रस्तुति ढंग,
एक एक कर वर्णन करें,
लव कुश राम प्रसंग,
विश्वामित्र महामुनि राई,
तिनके संग चले दोउ भाई,
कैसे राम ताड़का मारी,
कैसे नाथ अहिल्या तारी।
मुनिवर विश्वामित्र तब,
संग ले लक्ष्मण राम,
सिया स्वयंवर देखने,
पहुंचे मिथिला धाम।।
जनकपुर उत्सव है भारी,
जनकपुर उत्सव है भारी,
अपने वर का चयन करेगी सीता सुकुमारी,
जनकपुर उत्सव है भारी।।
जनक राज का कठिन प्रण,
सुनो सुनो सब कोई,
जो तोड़े शिव धनुष को,
सो सीता पति होई।
को तोरी शिव धनुष कठोर,
सबकी दृष्टि राम की ओर,
राम विनय गुण के अवतार,
गुरुवर की आज्ञा सिरधार,
सहज भाव से शिव धनु तोड़ा,
जनकसुता संग नाता जोड़ा।
रघुवर जैसा और ना कोई,
सीता की समता नही होई,
दोउ करें पराजित,
कांति कोटि रति काम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।
सब पर शब्द मोहिनी डारी,
मन्त्र मुग्ध भये सब नर नारी,
यूँ दिन रैन जात हैं बीते,
लव कुश नें सबके मन जीते।
सविस्तार सब कथा सुनाई,
राजा राम भये रघुराई,
राम राज आयो सुखदाई,
सुख समृद्धि श्री घर घर आई।
काल चक्र नें घटना क्रम में,
ऐसा चक्र चलाया,
राम सिया के जीवन में फिर,
घोर अँधेरा छाया।
अवध में ऐसा, ऐसा इक दिन आया,
निष्कलंक सीता पे प्रजा ने,
मिथ्या दोष लगाया,
अवध में ऐसा, ऐसा इक दिन आया।
चल दी सिया जब तोड़ कर,
सब नेह नाते मोह के,
पाषाण हृदयों में,
ना अंगारे जगे विद्रोह के।
ममतामयी माँओं के आँचल भी,
सिमट कर रह गए,
गुरुदेव ज्ञान और नीति के,
सागर भी घट कर रह गए।
ना रघुकुल ना रघुकुलनायक,
कोई न सिय का हुआ सहायक।
मानवता को खो बैठे जब,
सभ्य नगर के वासी,
तब सीता को हुआ सहायक,
वन का इक सन्यासी।
उन ऋषि परम उदार का,
वाल्मीकि शुभ नाम,
सीता को आश्रय दिया,
ले आए निज धाम।
रघुकुल में कुलदीप जलाए,
राम के दो सुत सिय नें जाए।
जनक दुलारी कुलवधू दशरथजी की,
राजरानी होके दिन वन में बिताती है,
रहते थे घेरे जिसे दास दासी आठों याम,
दासी बनी अपनी उदासी को छुपाती है,
धरम प्रवीना सती, परम कुलीना,
सब विधि दोष हीना जीना दुःख में सिखाती है,
जगमाता हरिप्रिया लक्ष्मी स्वरूपा सिया,
कूटती है धान, भोज स्वयं बनती है,
कठिन कुल्हाडी लेके लकडियाँ काटती है,
करम लिखे को पर काट नही पाती है,
फूल भी उठाना भारी जिस सुकुमारी को था,
दुःख भरे जीवन का बोझ वो उठाती है,
अर्धांगिनी रघुवीर की वो धर धीर,
भरती है नीर, नीर नैन में न लाती है,
जिसकी प्रजा के अपवादों के कुचक्र में वो,
पीसती है चाकी स्वाभिमान को बचाती है,
पालती है बच्चों को वो कर्म योगिनी की भाँती,
स्वाभिमानी, स्वावलंबी, सबल बनाती है,
ऐसी सीता माता की परीक्षा लेते दुःख देते,
निठुर नियति को दया भी नही आती है।।
उस दुखिया के राज दुलारे,
हम ही सुत श्री राम तिहारे।
सीता माँ की आँख के तारे,
लव कुश हैं पितु नाम हमारे,
हे पितु भाग्य हमारे जागे,
राम कथा कही राम के आगे।।
पुनि पुनि कितनी हो कही सुनाई,
हिय की प्यास बुझत न बुझाई,
सीता राम चरित अतिपावन,
मधुर सरस अरु अति मनभावन।।
बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला, पाँव में घुंगरू बांध के नाचे, जपे राम की माला, बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला।। सिया राम ही राम पुकारे, हनुमत जाए असुर सब मारे, सीता की सुध लेने खातिर, क्या से क्या कर डाला, बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला। पाँव में घुंगरू बांध के नाचे, जपे राम की माला, बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला।। ऋषि मुनियों ने ध्यान लगाया, तुझे जहाँ सिमरु वहां पाया, मुझ पर कृपा करो बजरंगी, लाल लंगोटे वाला, बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला। पाँव में घुंगरू बांध के नाचे, जपे राम की माला, बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला।। तुझसा देव नहीं कोई दानी, तेरी महिमा ना जाए बखानी, सब पर कृपा करो बजरंगी, लाल लंगोटे वाला बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला। तेरा निशिदिन ध्यान लगाऊं, तुझे सुमेरु तंह तंह पाऊँ ‘बंशीधर’ का तुम बजरंगी, रात दिवस रखवाला, बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला। पाँव में घुंगरू बांध के नाचे,जपे राम की माला, बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला।।
यह तो प्रेम की बात है उधो, बंदगी तेरे बस की नहीं है। यहाँ सर देके होते सौदे, आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥ प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा, उनकी पूजा में सुन ले ए उधो। यहाँ दम दम में होती है पूजा, सर झुकाने की फुर्सत नहीं है॥ जो असल में हैं मस्ती में डूबे, उन्हें क्या परवाह ज़िन्दगी की। जो उतरती है चढ़ती है मस्ती, वो हकीकत में मस्ती नहीं है॥ जिसकी नजरो में है श्याम प्यारे, वो तो रहते हैं जग से न्यारे। जिसकी नज़रों में मोहन समाये, वो नज़र फिर तरसती नहीं है॥
दोहा : भकत बड़े बलवान तुम्ही हो, सालासर हनुमान तुम्ही हो । आया हूँ मैं दर पे, तुझको आज पुकारा । पावो में घुंघरू बाँध के नाचे, मेरा बजरंग प्यारा ॥ छम छम नाचे देखो वीर हनुमना । कहेते है लोग इसे राम का दीवाना ॥ पाँवो मे घुंगूरू बाँध के नाचे , रामजी का नाम इन्हे बड़ा प्यारा लागे । राम ने भी देखो इसे खूब पहचाना, छम छम नाचे देखो वीर हनुमना ॥ जहाँ जहाँ कीर्तन होता श्री राम का, लगता है पहेरा वहाँ वीर हनुमान का । राम के चरण मे है इनका टिकना, छम छम नाचे देखो वीर हनुमना ॥ नाच नाच प्रभु श्री राम को रिझवे, ‘बनवारी’ रात दिन नाचता ही जाए । भक्तो मे भक्त बड़ा, दुनिया ने माना, छम छम नाचे देखो वीर हनुमना ॥ श्रेणीहनुमान भजन
आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं। जानकी के बसे तुममे प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥ लंका जला के सब को हरा के तुम्ही खबर सिया की लाये। पर्वत उठा के संजीवन ला के तुमने लखन जी बचाए। हे बजरंगी बलवान, तुम्हे हम याद दिलाते हैं॥ पहले था रावण एक ही धरा पे, जिसको प्रभु ने संघारा। तुमने सवारे थे काज सारे, प्रभु को दिया था सहारा। जग में हे वीर सुजान भी तेरे गुण गाते हैं॥ है धरम संकट में धर्म फिर से, अब खेल कलयुग ने खेले। हैं लाखों रावण अब तो यहाँ पे, कब तक लड़े प्रभु अकेले। जरा देख लगा के ध्यान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥ है राम जी बिन तेरे अधूरे, अनजानी माँ के प्यारे। भक्तो के सपने करने को पूरे, आजा पवन के दुलारे। करने जग का कल्याण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥
Hungama Ho Gaya lyrics in Hindi sung by Mika Singh and Anmol Malik from the movie Hungama 2, lyrics written by Sameer Anjaan and music composed by Anu Malik. The video features Shilpa Shetty and Meezaan Jaffrey. Hungama Ho Gaya Song Details Song Title: Hungama Ho Gaya Movie: Hungama 2 (2021) Singers: Mika Singh, Anmol Malik Lyrics: Sameer Anjaan Music: Anu Malik Music Label: Eagle Music Hungama Ho Gaya Lyrics in Hindi ना चोरी की ना चोरी की ना चैन चुराया चैन चुराया किया गलत क्या काम ना चोरी की ना चोरी की ना चैन चुराया चैन चुराया किया गलत क्या काम आंख जो मारी मैंने तू दीवाना हो गया हमने प्यार किया तो हंगामा हो गया हमने प्यार किया तो हंगामा हो गया ना चोरी की ना चोरी की ना चैन चुराया चैन चुराया किया गलत क्या काम ना चोरी की ना चोरी की ना चैन चुराया चैन चुराया किया गलत क्या काम आंख जो मारी तूने मैं दीवाना हो गया हमने प्यार किया तो हंगामा हो गया हमने प्यार किया तो हंगामा हो गया हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा हंगामा मैने चाहा है तुझक
ॐ जय साईं ॐ जय साईं ॐ। ॐ जय साईं ॐ जय साईं ॐ॥ साईं जी मै तेरी पतंग, सतगुरु मैं तेरी पतंग, हवा विच उडदी जावांगी, हवा विच उडदी जावांगी। साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी॥ तेरे चरना दी धूलि साईं माथे उते लावां, करा मंगल साईंनाथ गुण तेरे गावां। साईं भक्ति पतंग वाली डोर, अम्बरा विच उडदी फिरा॥ बड़ी मुश्किल दे नाल मिलेय मेनू तेरा दवारा है। मेनू इको तेरा आसरा नाले तेरा ही सहारा है। हुन तेरे ही भरोसे, हवा विच उडदी जावांगी, साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी॥ ऐना चरना कमला नालो मेनू दूर हटावी ना। इस झूठे जग दे अन्दर मेरा पेचा लाई ना। जे कट गयी ता सतगुरु, फेर मैं लुट्टी जावांगी, साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी॥ अज्ज मलेया बूहा आके मैं तेरे द्वार दा। हाथ रख दे एक वारि तूं मेरे सर ते प्यार दा। फिर जनम मरण दे गेडे तो मैं बच्दी जावांगी, साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी॥ श्रेणीसाईं भजन
तोरा मन दर्पण कहलाये भले, बुरे सारे कर्मों को देखे और दिखाए मन ही देवता मन ही इश्वर मन से बड़ा न कोई मन उजियारा ,जब जब फैले जग उजियारा होए इस उजाले दर्पण पर प्राणी, धूल ना जमने पाए तोरा मन दर्पण कहलाये ....... सुख की कलियाँ, दुःख के कांटे मन सब का आधार मन से कोई बात छुपे न मन के नैन हजार जग से चाहे भाग ले कोई मन से भाग न पाये तोरा मन दर्पण कहलाये ......
राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊं गली गली । ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ दोलत के दीवानों सुन लो एक दिन ऐसा आएगा, धन योवन और रूप खजाना येही धरा रह जाएगा । सुन्दर काया माटी होगी, चर्चा होगी गली गली, ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ प्यारे मित्र सगे सम्बंधी इक दिन तुझे भुलायेंगे, कल तक अपना जो कहते अग्नि पर तुझे सुलायेंगे । जगत सराय दो दिन की है, आखिर होगी चला चली, ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ क्यूँ करता है तेरी मेरी, छोड़ दे अभिमान को, झूठे धंदे छोड़ दे बन्दे जप ले हरी के नाम को । दो दिन का यह चमन खिला है, फिर मुरझाये कलि कलि, ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ जिस जिस ने यह हीरे लुटे, वो तो मला माला हुए, दुनिया के जो बने पुजारी, आखिर वो कंगाल हुए । धन दौलत और माया वालो, मैं समझाऊं गली गली, ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ श्रेणीराम भजन