फूलों में सज रहे हैं श्री वृन्दावन बिहारी phoolon me saj rahen hain shree varindavan bihari krishna bhajan

फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।
और संग में सज रही है वृषभानु की दुलारी॥

टेडा सा मुकुट सर पर रखा है किस अदा से,
करुना बरस रही है, करुना भरी निगाह से।
बिन मोल बिक गयी हूँ, जब से छबि निहारी॥

बहिया गले में डाले जब दोनों मुस्कुराते,
सब को ही प्यारे लगते, सब के ही मन को भाते।
इन दोनों पे मैं सदके, इन दोनों पे मैं वारी॥

श्रृंगार तेरा प्यारे, शोभा कहूँ क्या उसकी,
इत पे गुलाबी पटका, उत पे गुलाबी साडी॥

नीलम से सोहे मोहन, स्वर्णिम सी सोहे राधा।
इत नन्द का है छोरा, उत भानु की दुलारी॥

चुन चुन के कालिया जिसने बंगला तेरा बनाया,
दिव्या आभूषणों से जिसने तुझे सजाया,
उन हाथों पे मैं सदके, उन हाथों पे मैं वारी॥

Comments

Anonymous said…
madansaini11795@gmail.com

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