अंजनी कुमार थारी महिमा अपार हैं
अंजनी कुमार थारी महिमा अपार हैं,
मेरी बिगड़ी बनाने वाले तेरा सर्जन हार हैं।
शिव शंकर के अवतारी और पवन पुत्र बलकारी,
थे बाल ज़ती ब्रह्मचारी तेरा हाई आधार है।
श्री लाल लंगोटे वाला थारी भक्त फेरता मला,
थे सबका हो प्रतिपाला भक्तों से प्यार है।
मैं द्वारे तुम्हारे आया और घृत सिंदूर चड़ाया,
गल पुष्पन हार पिराया फूलों की बहार है।
ये अर्ज़ करे नर-नारी सब कीर्ति गावे थारी,
थे आशा पूरो म्हारी सच्चा दरबार है।
ये संतु भक्त है तेरा जगदीश चरण का चेरा,
दुःख संकट हरियों मेरा बस यही पुकार है।
मेरी बिगड़ी बनाने वाले तेरा सर्जन हार हैं।
शिव शंकर के अवतारी और पवन पुत्र बलकारी,
थे बाल ज़ती ब्रह्मचारी तेरा हाई आधार है।
श्री लाल लंगोटे वाला थारी भक्त फेरता मला,
थे सबका हो प्रतिपाला भक्तों से प्यार है।
मैं द्वारे तुम्हारे आया और घृत सिंदूर चड़ाया,
गल पुष्पन हार पिराया फूलों की बहार है।
ये अर्ज़ करे नर-नारी सब कीर्ति गावे थारी,
थे आशा पूरो म्हारी सच्चा दरबार है।
ये संतु भक्त है तेरा जगदीश चरण का चेरा,
दुःख संकट हरियों मेरा बस यही पुकार है।
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