बजरंग बली तेरे भक्तों का, तुझसे ही गुजारा चलता है। LYRICS
बजरंग बली तेरे भक्तों का, तुझसे ही गुजारा चलता है।
जो द्वार तेरे पे आ ना सका, वह रह रह कर मरता है।
तेरे द्वार पे हर दम आते हैं, तेरा दर्शन करके जाते हैं।
जो सोच सोच कर रह जाते, वो जीवन भर पछताते हैं।
भक्तों का दीवानापन क्या कहुँ, मन हरोल रहे मचलाता है।।1।।
जो तेरी सेवा करते है, वो इस जग से न डरते है।
दुनिया कोई दुःख देना चाहे, वो तेरा नाम सुमरते हैं।
मुश्किल सब आसां हो जाये, दुनिया का जोर न चलता है।।2।।
जिसने इस जग को जान लिया, उसने तुझे पहचान लिया।
कइयों ने माया में फँसकर, जग को अपना मान लिया ।
पर इस जग में तेरी इच्छा बिन, कोई पत्ता तक नहीं हिलता है।।3।।
मेहंदीपुर में तेरा धाम बना, भक्तों के लिए आराम बना।
जिसने सच्चे मन से ध्याया, उसका पल भर में काम बना।
बाला इस तेरे ‘चिरंजी’ को भाव बीच किनारा मिलता हैं।।4।।
जो द्वार तेरे पे आ ना सका, वह रह रह कर मरता है।
तेरे द्वार पे हर दम आते हैं, तेरा दर्शन करके जाते हैं।
जो सोच सोच कर रह जाते, वो जीवन भर पछताते हैं।
भक्तों का दीवानापन क्या कहुँ, मन हरोल रहे मचलाता है।।1।।
जो तेरी सेवा करते है, वो इस जग से न डरते है।
दुनिया कोई दुःख देना चाहे, वो तेरा नाम सुमरते हैं।
मुश्किल सब आसां हो जाये, दुनिया का जोर न चलता है।।2।।
जिसने इस जग को जान लिया, उसने तुझे पहचान लिया।
कइयों ने माया में फँसकर, जग को अपना मान लिया ।
पर इस जग में तेरी इच्छा बिन, कोई पत्ता तक नहीं हिलता है।।3।।
मेहंदीपुर में तेरा धाम बना, भक्तों के लिए आराम बना।
जिसने सच्चे मन से ध्याया, उसका पल भर में काम बना।
बाला इस तेरे ‘चिरंजी’ को भाव बीच किनारा मिलता हैं।।4।।
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