राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते राम जी के पुरे कभी काम नहीं होते।। LYRICS
राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते
राम जी के पुरे कभी काम नहीं होते।।
◾️हनुमान पर्वत उठाकर ना लाते
कैसे संजीवन सुषेण वेद पाते
प्राण जाते लक्ष्मण के
राम रहते रोते
राम जी के पुरे कभी
काम नहीं होते।
राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते
राम जी के पुरे कभी काम नहीं होते।।
◾️लंका में गर हनुमान नहीं जाते
राम की शरण में विभीषण ना आते
रावण से विजय श्री राम नहीं होते
राम जी के पुरे कभी
काम नहीं होते।
राम जी के साथ जों हनुमान नहीं होते
राम जी के पुरे कभी काम नहीं होते।।
◾️रावण की लंका अगर ना जलाते
हनुमान विकराल रूप ना दिखाते
सीता रह जाती वही
राम उन्हें खोते
राम जी के पुरे कोई
काम नहीं होते।
राम जी के साथ जों हनुमान नहीं होते
राम जी के पुरे कभी काम नहीं होते।।
राम जी के पुरे कभी काम नहीं होते।।
◾️हनुमान पर्वत उठाकर ना लाते
कैसे संजीवन सुषेण वेद पाते
प्राण जाते लक्ष्मण के
राम रहते रोते
राम जी के पुरे कभी
काम नहीं होते।
राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते
राम जी के पुरे कभी काम नहीं होते।।
◾️लंका में गर हनुमान नहीं जाते
राम की शरण में विभीषण ना आते
रावण से विजय श्री राम नहीं होते
राम जी के पुरे कभी
काम नहीं होते।
राम जी के साथ जों हनुमान नहीं होते
राम जी के पुरे कभी काम नहीं होते।।
◾️रावण की लंका अगर ना जलाते
हनुमान विकराल रूप ना दिखाते
सीता रह जाती वही
राम उन्हें खोते
राम जी के पुरे कोई
काम नहीं होते।
राम जी के साथ जों हनुमान नहीं होते
राम जी के पुरे कभी काम नहीं होते।।
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