मेहंदीपुर वाले दरबार तेरा दूर है, मन में विचार लिया LYRICS
मेहंदीपुर वाले दरबार तेरा दूर है,
मन में विचार लिया आना भी जरूर है।
मेरी ये रजा, मेरी ये रजा, आगे तेरी मर्जी।
तेरा दरबार मेरे मन लुभाता है।
बार बार आना मेरे मन को बड़ा भाता है।।1।।
एक बार आने वाला बार बार आता है।
बाबा अपने भक्तों से प्यार से बुलाता है।।2।।
प्यार का खजाना तेरा सारा खाली कर दे।
भक्तों की खाली पड़ी झोलियाँ भी भर दे।।3।।
दास ये ‘चिरंजी’ तेरा बार-बार कह रहा।
कौन से गुनाह की सजा ये बाबा सह रहा।
देवो ना सजा, देवो न सजा आगे तेरी मर्जी।।4।।
मन में विचार लिया आना भी जरूर है।
मेरी ये रजा, मेरी ये रजा, आगे तेरी मर्जी।
तेरा दरबार मेरे मन लुभाता है।
बार बार आना मेरे मन को बड़ा भाता है।।1।।
एक बार आने वाला बार बार आता है।
बाबा अपने भक्तों से प्यार से बुलाता है।।2।।
प्यार का खजाना तेरा सारा खाली कर दे।
भक्तों की खाली पड़ी झोलियाँ भी भर दे।।3।।
दास ये ‘चिरंजी’ तेरा बार-बार कह रहा।
कौन से गुनाह की सजा ये बाबा सह रहा।
देवो ना सजा, देवो न सजा आगे तेरी मर्जी।।4।।
Comments
Post a Comment