सुन ओ अंजनी के लाला, मुझे तेरा एक सहारा LYRICS
सुन ओ अंजनी के लाला, मुझे तेरा एक सहारा
मुझे अपनी शरण में लेलो, में बालक हूँ दुखियारा
माथे पर तिलक विशाला, कानों में सूंदर बाला
थारे गले राम की माला, ओ लाल लगोटे वाला
थारो रुप जगत से न्यारा, लगे है सबसे प्यारा
मुझे अपनी शरण में….
प्रभु सालासर के मांही, थारा मंदिर है अति भरी
नित दूर-दूर से आवे, थारे दर्शन को नर नारी
घृत सिंदूर जो लावे-पा जाये फल वो सारा
मुझे अपनी शरण में….
सीता का हरण हुआ तो, फिर राम पे विपदा आई
तुम जा पहुंचे गढ़ लंका, माता की खबर लगाई
सब वानर मिलकर बोले, तेरे नाम का जय जयकारा
मुझे अपनी शरण में….
जब शक्ति बाण लगा तो, लक्ष्मण को मूर्छा आई
वानर सेना घबराई, और रोये थे रघुराई
तुम लाये संजीवन दीन्हा, लक्षमण के प्राण उबारा
मुझे अपनी शरण में….
बाबा तेरे भक्त अनेकों, चाहे नर या हो नारी
अब बोलो पवन कुमारा, मेरी कब आएगी बारी
बाबा में भी बालक थारा, बस चाहे तेरा सहारा
मुझे अपनी शरण में….
मुझे अपनी शरण में लेलो, में बालक हूँ दुखियारा
माथे पर तिलक विशाला, कानों में सूंदर बाला
थारे गले राम की माला, ओ लाल लगोटे वाला
थारो रुप जगत से न्यारा, लगे है सबसे प्यारा
मुझे अपनी शरण में….
प्रभु सालासर के मांही, थारा मंदिर है अति भरी
नित दूर-दूर से आवे, थारे दर्शन को नर नारी
घृत सिंदूर जो लावे-पा जाये फल वो सारा
मुझे अपनी शरण में….
सीता का हरण हुआ तो, फिर राम पे विपदा आई
तुम जा पहुंचे गढ़ लंका, माता की खबर लगाई
सब वानर मिलकर बोले, तेरे नाम का जय जयकारा
मुझे अपनी शरण में….
जब शक्ति बाण लगा तो, लक्ष्मण को मूर्छा आई
वानर सेना घबराई, और रोये थे रघुराई
तुम लाये संजीवन दीन्हा, लक्षमण के प्राण उबारा
मुझे अपनी शरण में….
बाबा तेरे भक्त अनेकों, चाहे नर या हो नारी
अब बोलो पवन कुमारा, मेरी कब आएगी बारी
बाबा में भी बालक थारा, बस चाहे तेरा सहारा
मुझे अपनी शरण में….
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