ओ महावीर बजरंगी मैं आया शरण तिहारी।Lyrics हिंदी लिरिक्स
दोहा : शरण शरण मैं आपकी, महावीर हनुमान,
शरण पड़े को आन उबारों, पवन पुत्र बलवान।
टेर : ओ महावीर बजरंगी, मैं आया शरण तिहारी।
शरण तिहारी मैं आया हूँ, संग में संकट लाया हूँ,
अनजाने में फिरा भटकता, पहले बहुत दुःख पाया हूँ,
अब संकट हर ले मेरा, ओ संकट मेटन हारी ।
ओ महावीर बजरंगी….
मैंने सुना है द्वार तेरे से, खली कोई न जाता है
सच्चे मन से आता है वो, मन इच्छा फल पाता है
मैं भी सच्चे मन से आया, तेरे दर पर एक भिखारी।
ओ महावीर बजरंगी….
राम नाम की भिक्षा देकर, सदा दयालु बने रहना,
गृहस्थ की गाड़ी मेरी चले ठाट से, यही हमारा है कहना,
हमे ईश्वर भक्ति देना, ये सुनियो अर्ज हमारी।
ओ महावीर बजरंगी….
भव सागर में हो नैया हमारी, तो अपने हाथों से खेना
दशों दिशाओ में डोले नैया तो मुक्ति की राह लगा देना
मैं सेवक तेरा अनाड़ी ओ बाल जति ब्रह्मचारी।
ओ महावीर बजरंगी….
भूल चूक करता रहता हूँ, उसकी माफ़ी चाहता हूँ
भला बुरा जैसा भी हूँ तेरे चरण शीश झुकता हूँ
ये भक्त तेरा स्वामी, तेरे चरणों पर बलिहारी।
शरण पड़े को आन उबारों, पवन पुत्र बलवान।
टेर : ओ महावीर बजरंगी, मैं आया शरण तिहारी।
शरण तिहारी मैं आया हूँ, संग में संकट लाया हूँ,
अनजाने में फिरा भटकता, पहले बहुत दुःख पाया हूँ,
अब संकट हर ले मेरा, ओ संकट मेटन हारी ।
ओ महावीर बजरंगी….
मैंने सुना है द्वार तेरे से, खली कोई न जाता है
सच्चे मन से आता है वो, मन इच्छा फल पाता है
मैं भी सच्चे मन से आया, तेरे दर पर एक भिखारी।
ओ महावीर बजरंगी….
राम नाम की भिक्षा देकर, सदा दयालु बने रहना,
गृहस्थ की गाड़ी मेरी चले ठाट से, यही हमारा है कहना,
हमे ईश्वर भक्ति देना, ये सुनियो अर्ज हमारी।
ओ महावीर बजरंगी….
भव सागर में हो नैया हमारी, तो अपने हाथों से खेना
दशों दिशाओ में डोले नैया तो मुक्ति की राह लगा देना
मैं सेवक तेरा अनाड़ी ओ बाल जति ब्रह्मचारी।
ओ महावीर बजरंगी….
भूल चूक करता रहता हूँ, उसकी माफ़ी चाहता हूँ
भला बुरा जैसा भी हूँ तेरे चरण शीश झुकता हूँ
ये भक्त तेरा स्वामी, तेरे चरणों पर बलिहारी।
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