सिया राम के काज सँवारे अंजना के लाल दुलारे Lyrics
टेर : सिया राम के काज सँवारे अंजना के लाल दुलारे।
रावण ने हड़ी सिया माता ढूँढे राम लखन दोउ भ्राता,
बन बन ढ़ूंढ़त दोउ हारे, तब आ गए पवन दुलारे।।1।।
सिया माता के सुधल्याये, कपियन के प्राण बचाये,
फल खाये और बाग उजाड़े, श्रीराम के पास पधारे।।2।।
मूर्छित पड़े लछमन भाई, सरजीवन लाये पिलाई,
लछमन के प्राण उबारे, गल मिले लगे जयकारे।।3।।
अहिरावण को ललकारा, लगा राम नाम जयकारा,
सिर हवन कुन्ड़ में डारा, ले राम लखन को आये।।4।।
अब कृपा करो अंतर्यामी, कहे सूरज नारायण स्वामी,
अब काज सवारों हमारे, हम आन पड़े तेरे द्वारे।।5।।
रावण ने हड़ी सिया माता ढूँढे राम लखन दोउ भ्राता,
बन बन ढ़ूंढ़त दोउ हारे, तब आ गए पवन दुलारे।।1।।
सिया माता के सुधल्याये, कपियन के प्राण बचाये,
फल खाये और बाग उजाड़े, श्रीराम के पास पधारे।।2।।
मूर्छित पड़े लछमन भाई, सरजीवन लाये पिलाई,
लछमन के प्राण उबारे, गल मिले लगे जयकारे।।3।।
अहिरावण को ललकारा, लगा राम नाम जयकारा,
सिर हवन कुन्ड़ में डारा, ले राम लखन को आये।।4।।
अब कृपा करो अंतर्यामी, कहे सूरज नारायण स्वामी,
अब काज सवारों हमारे, हम आन पड़े तेरे द्वारे।।5।।
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