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Showing posts from December, 2024

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो Yunhi Be-Sabab Na Fira Karo Koi Bashir Badr Ghazal

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यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करो कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो मुझे इश्तिहार सी लगती हैं ये मोहब्बतों की कहानियाँ जो कहा नहीं वो सुना करो जो सुना नहीं वो कहा करो कभी हुस्न-ए-पर्दा-नशीं भी हो ज़रा आशिक़ाना लिबास में जो मैं बन सँवर के कहीं चलूँ मिरे साथ तुम भी चला करो नहीं बे-हिजाब वो चाँद सा कि नज़र का कोई असर न हो उसे इतनी गर्मी-ए-शौक़ से बड़ी देर तक न तका करो ये ख़िज़ाँ की ज़र्द सी शाल में जो उदास पेड़ के पास है ये तुम्हारे घर की बहार है उसे आँसुओं से हरा करो   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़ल...

अशआ'र मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं जाँ Ashar Mire Yun To Zamane Ke Liye Hain Jan Nisar Akhtar Ghazal

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अशआ’र मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं कुछ शेर फ़क़त उन को सुनाने के लिए हैं अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं सोचो तो बड़ी चीज़ है तहज़ीब बदन की वर्ना ये फ़क़त आग बुझाने के लिए हैं आँखों में जो भर लोगे तो काँटों से चुभेंगे ये ख़्वाब तो पलकों पे सजाने के लिए हैं देखूँ तिरे हाथों को तो लगता है तिरे हाथ मंदिर में फ़क़त दीप जलाने के लिए हैं ये इल्म का सौदा ये रिसाले ये किताबें इक शख़्स की यादों को भुलाने के लिए हैं   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में न...

सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं Sar Mein Sauda Bhi Nahi Dil Mein Tamanna Bhi Nahi Firaq Gorakhpuri Ghazal

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सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं लेकिन इस तर्क-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं दिल की गिनती न यगानों में न बेगानों में लेकिन उस जल्वा-गह-ए-नाज़ से उठता भी नहीं मेहरबानी को मोहब्बत नहीं कहते ऐ दोस्त आह अब मुझ से तिरी रंजिश-ए-बेजा भी नहीं एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं आज ग़फ़लत भी उन आँखों में है पहले से सिवा आज ही ख़ातिर-ए-बीमार शकेबा भी नहीं बात ये है कि सुकून-ए-दिल-ए-वहशी का मक़ाम कुंज-ए-ज़िंदाँ भी नहीं वुसअ’त-ए-सहरा भी नहीं अरे सय्याद हमीं गुल हैं हमीं बुलबुल हैं तू ने कुछ आह सुना भी नहीं देखा भी नहीं आह ये मजमा-ए-अहबाब ये बज़्म-ए-ख़ामोश आज महफ़िल में ‘फ़िराक़’-ए-सुख़न-आरा भी नहीं ये भी सच है कि मोहब्बत पे नहीं मैं मजबूर ये भी सच है कि तिरा हुस्न कुछ ऐसा भी नहीं यूँ तो हंगामे उठाते नहीं दीवाना-ए-इश्क़ मगर ऐ दोस्त कुछ ऐसों का ठिकाना भी नहीं फ़ितरत-ए-हुस्न तो मा’लूम है तुझ को हमदम चारा ही क्या है ब-जुज़ सब्र सो होता भी नहीं मुँह से हम अपने बुरा तो नहीं कहते कि ‘फ़िराक़’ है तिरा दोस्त मगर आदमी अच्छा भी नहीं ...

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता Sarakti Jaye Hai Rukh Se Naqab Ahista Ahista Ameer Minai Ghazal

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सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता निकलता आ रहा है आफ़्ताब आहिस्ता आहिस्ता जवाँ होने लगे जब वो तो हम से कर लिया पर्दा हया यक-लख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता शब-ए-फ़ुर्क़त का जागा हूँ फ़रिश्तो अब तो सोने दो कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब आहिस्ता आहिस्ता सवाल-ए-वस्ल पर उन को अदू का ख़ौफ़ है इतना दबे होंटों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता वो बेदर्दी से सर काटें ‘अमीर’ और मैं कहूँ उन से हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Gha...

मोहब्बत करने वाले कम न होंगे Mohabbat Karne Wale Kam Na Honge Hafeez Hoshiarpuri Ghazal

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मोहब्बत करने वाले कम न होंगे तिरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे मैं अक्सर सोचता हूँ फूल कब तक शरीक-ए-गिर्या-ए-शबनम न होंगे ज़रा देर-आश्ना चश्म-ए-करम है सितम ही इश्क़ में पैहम न होंगे दिलों की उलझनें बढ़ती रहेंगी अगर कुछ मशवरे बाहम न होंगे ज़माने भर के ग़म या इक तिरा ग़म ये ग़म होगा तो कितने ग़म न होंगे कहूँ बेदर्द क्यूँ अहल-ए-जहाँ को वो मेरे हाल से महरम न होंगे हमारे दिल में सैल-ए-गिर्या होगा अगर बा-दीदा-ए-पुर-नम न होंगे अगर तू इत्तिफ़ाक़न मिल भी जाए तिरी फ़ुर्क़त के सदमे कम न होंगे ‘हफ़ीज़’ उन से मैं जितना बद-गुमाँ हूँ वो मुझ से उस क़दर बरहम न होंगे   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें...

कोई उम्मीद बर नहीं आती Koi Umeed Bar Nahi Aati Mirza Ghalib Ghazal

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कोई उम्मीद बर नहीं आती कोई सूरत नज़र नहीं आती मौत का एक दिन मुअ’य्यन है नींद क्यूँ रात भर नहीं आती आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हँसी अब किसी बात पर नहीं आती जानता हूँ सवाब-ए-ताअत-ओ-ज़ोहद पर तबीअत इधर नहीं आती है कुछ ऐसी ही बात जो चुप हूँ वर्ना क्या बात कर नहीं आती क्यूँ न चीख़ूँ कि याद करते हैं मेरी आवाज़ गर नहीं आती दाग़-ए-दिल गर नज़र नहीं आता बू भी ऐ चारा-गर नहीं आती हम वहाँ हैं जहाँ से हम को भी कुछ हमारी ख़बर नहीं आती मरते हैं आरज़ू में मरने की मौत आती है पर नहीं आती का’बा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’ शर्म तुम को मगर नहीं आती   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals ...

जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने Justuju Jis Ki Thi Us Ko To Na Paya Hum Ne Shahryar Ghazal

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जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने सब का अहवाल वही है जो हमारा है आज ये अलग बात कि शिकवा किया तन्हा हम ने ख़ुद पशीमान हुए ने उसे शर्मिंदा किया इश्क़ की वज़्अ को क्या ख़ूब निभाया हम ने कौन सा क़हर ये आँखों पे हुआ है नाज़िल एक मुद्दत से कोई ख़्वाब न देखा हम ने उम्र भर सच ही कहा सच के सिवा कुछ न कहा अज्र क्या इस का मिलेगा ये न सोचा हम ने   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Riaz Ghazal फ़हमीदा रियाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल  

हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह Hum Hain Mata-E-Kucha-O-Bazaar Ki Tarah Majrooh Sultanpuri Ghazal

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हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की तरह इस कू-ए-तिश्नगी में बहुत है कि एक जाम हाथ आ गया है दौलत-ए-बेदार की तरह वो तो कहीं है और मगर दिल के आस-पास फिरती है कोई शय निगह-ए-यार की तरह सीधी है राह-ए-शौक़ पे यूँही कहीं कहीं ख़म हो गई है गेसू-ए-दिलदार की तरह बे-तेशा-ए-नज़र न चलो राह-ए-रफ़्तगाँ हर नक़्श-ए-पा बुलंद है दीवार की तरह अब जा के कुछ खुला हुनर-ए-नाख़ुन-ए-जुनूँ ज़ख़्म-ए-जिगर हुए लब-ओ-रुख़्सार की तरह ‘मजरूह’ लिख रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का नाम हम भी खड़े हुए हैं गुनहगार की तरह   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़...

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के Dono Jahan Teri Mohabbat Mein Haar Ke Faiz Ahmad Faiz Ghazal

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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के वीराँ है मय-कदा ख़ुम-ओ-साग़र उदास हैं तुम क्या गए कि रूठ गए दिन बहार के इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन देखे हैं हम ने हौसले पर्वरदिगार के दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया तुझ से भी दिल-फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के भूले से मुस्कुरा तो दिए थे वो आज ‘फ़ैज़’ मत पूछ वलवले दिल-ए-ना-कर्दा-कार के   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Riaz Ghazal फ़हमीदा रियाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल  

दिल में इक लहर सी उठी है अभी Dil Mein Ek Lehar Si Uthi Hai Abhi Nasir Kazmi Ghazal

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दिल में इक लहर सी उठी है अभी कोई ताज़ा हवा चली है अभी कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी और ये चोट भी नई है अभी शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में कोई दीवार सी गिरी है अभी भरी दुनिया में जी नहीं लगता जाने किस चीज़ की कमी है अभी तू शरीक-ए-सुख़न नहीं है तो क्या हम-सुख़न तेरी ख़ामुशी है अभी याद के बे-निशाँ जज़ीरों से तेरी आवाज़ आ रही है अभी शहर की बे-चराग़ गलियों में ज़िंदगी तुझ को ढूँडती है अभी सो गए लोग उस हवेली के एक खिड़की मगर खुली है अभी तुम तो यारो अभी से उठ बैठे शहर में रात जागती है अभी वक़्त अच्छा भी आएगा ‘नासिर’ ग़म न कर ज़िंदगी पड़ी है अभी   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazal...

सोज़-ए-ग़म दे के मुझे उस ने ये इरशाद किया Soz-E-Gham De Ke Mujhe Us Ne Ye Josh Malihabadi Ghazal

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सोज़-ए-ग़म दे के मुझे उस ने ये इरशाद किया जा तुझे कशमकश-ए-दहर से आज़ाद किया वो करें भी तो किन अल्फ़ाज़ में तेरा शिकवा जिन को तेरी निगह-ए-लुत्फ़ ने बर्बाद किया दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया ऐ मैं सौ जान से इस तर्ज़-ए-तकल्लुम के निसार फिर तो फ़रमाइए क्या आप ने इरशाद किया इस का रोना नहीं क्यूँ तुम ने किया दिल बर्बाद इस का ग़म है कि बहुत देर में बर्बाद किया इतना मानूस हूँ फ़ितरत से कली जब चटकी झुक के मैं ने ये कहा मुझ से कुछ इरशाद किया मेरी हर साँस है इस बात की शाहिद ऐ मौत मैं ने हर लुत्फ़ के मौक़े पे तुझे याद किया मुझ को तो होश नहीं तुम को ख़बर हो शायद लोग कहते हैं कि तुम ने मुझे बर्बाद किया कुछ नहीं इस के सिवा ‘जोश’ हरीफ़ों का कलाम वस्ल ने शाद किया हिज्र ने नाशाद किया   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohamm...

अपनी धुन में रहता हूँ Apni Dhun Mein Rehta Hoon Nasir Kazmi Ghazal

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अपनी धुन में रहता हूँ मैं भी तेरे जैसा हूँ ओ पिछली रुत के साथी अब के बरस मैं तन्हा हूँ तेरी गली में सारा दिन दुख के कंकर चुनता हूँ मुझ से आँख मिलाए कौन मैं तेरा आईना हूँ मेरा दिया जलाए कौन मैं तिरा ख़ाली कमरा हूँ तेरे सिवा मुझे पहने कौन मैं तिरे तन का कपड़ा हूँ तू जीवन की भरी गली मैं जंगल का रस्ता हूँ आती रुत मुझे रोएगी जाती रुत का झोंका हूँ अपनी लहर है अपना रोग दरिया हूँ और प्यासा हूँ   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Riaz Ghazal फ़हमीदा रियाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल  

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले Gulo Mein Rang Bhare Baad-E-Nau-Bahar Chale Faiz Ahmad Faiz Ghazal

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गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले कभी तो सुब्ह तिरे कुंज-ए-लब से हो आग़ाज़ कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-बार चले बड़ा है दर्द का रिश्ता ये दिल ग़रीब सही तुम्हारे नाम पे आएँगे ग़म-गुसार चले जो हम पे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ हमारे अश्क तिरी आक़िबत सँवार चले हुज़ूर-ए-यार हुई दफ़्तर-ए-जुनूँ की तलब गिरह में ले के गरेबाँ का तार तार चले मक़ाम ‘फ़ैज़’ कोई राह में जचा ही नहीं जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eli...

मिल ही जाएगा कभी दिल को यक़ीन रहता है Mil Hi Jayega Kabhi Dil Ko Yaqeen Rehta Hai Ahmad Mushtaq Ghazal

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मिल ही जाएगा कभी दिल को यक़ीं रहता है वो इसी शहर की गलियों में कहीं रहता है जिस की साँसों से महकते थे दर-ओ-बाम तिरे ऐ मकाँ बोल कहाँ अब वो मकीं रहता है इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे और अब कोई कहीं कोई कहीं रहता है रोज़ मिलने पे भी लगता था कि जुग बीत गए इश्क़ में वक़्त का एहसास नहीं रहता है दिल फ़सुर्दा तो हुआ देख के उस को लेकिन उम्र भर कौन जवाँ कौन हसीं रहता है   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Riaz Ghazal फ़हमीदा रियाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल  

हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है Hangama Hai Kyun Barpa Thodi Si Jo Pi Li Hai Akbar Allahabadi Ghazal

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हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की है ना-तजरबा-कारी से वाइ’ज़ की ये हैं बातें इस रंग को क्या जाने पूछो तो कभी पी है उस मय से नहीं मतलब दिल जिस से है बेगाना मक़्सूद है उस मय से दिल ही में जो खिंचती है ऐ शौक़ वही मय पी ऐ होश ज़रा सो जा मेहमान-ए-नज़र इस दम इक बर्क़-ए-तजल्ली है वाँ दिल में कि सदमे दो याँ जी में कि सब सह लो उन का भी अजब दिल है मेरा भी अजब जी है हर ज़र्रा चमकता है अनवार-ए-इलाही से हर साँस ये कहती है हम हैं तो ख़ुदा भी है सूरज में लगे धब्बा फ़ितरत के करिश्मे हैं बुत हम को कहें काफ़िर अल्लाह की मर्ज़ी है ता’लीम का शोर ऐसा तहज़ीब का ग़ुल इतना बरकत जो नहीं होती निय्यत की ख़राबी है सच कहते हैं शैख़ ‘अकबर’ है ताअत-ए-हक़ लाज़िम हाँ तर्क-ए-मय-ओ-शाहिद ये उन की बुज़ुर्गी है   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल G...

हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो हम थे परेशान तुम से ज़ियादा Hum Ko Junoon Kya Sikhlate Tum Se Zyada Majrooh Sultanpuri Ghazal

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हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो हम थे परेशाँ तुम से ज़ियादा चाक किए हैं हम ने अज़ीज़ो चार गरेबाँ तुम से ज़ियादा चाक-ए-जिगर मोहताज-ए-रफ़ू है आज तो दामन सर्फ़-ए-लहू है इक मौसम था हम को रहा है शौक़-ए-बहाराँ तुम से ज़ियादा अहद-ए-वफ़ा यारों से निभाएँ नाज़-ए-हरीफ़ाँ हँस के उठाएँ जब हमें अरमाँ तुम से सिवा था अब हैं पशेमाँ तुम से ज़ियादा हम भी हमेशा क़त्ल हुए और तुम ने भी देखा दूर से लेकिन ये न समझना हम को हुआ है जान का नुक़साँ तुम से ज़ियादा जाओ तुम अपने बाम की ख़ातिर सारी लवें शम्ओं की कतर लो ज़ख़्म के मेहर-ओ-माह सलामत जश्न-ए-चराग़ाँ तुम से ज़ियादा देख के उलझन ज़ुल्फ़-ए-दोता की कैसे उलझ पड़ते हैं हवा से हम से सीखो हम को है यारो फ़िक्र-ए-निगाराँ तुम से ज़ियादा ज़ंजीर ओ दीवार ही देखी तुम ने तो ‘मजरूह’ मगर हम कूचा कूचा देख रहे हैं आलम-ए-ज़िंदाँ तुम से ज़ियादा   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलव...

कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा Kaun Ayega Yahan Koi Na Aaya Hoga Kaif Bhopali Ghazal

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कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा दिल-ए-नादाँ न धड़क ऐ दिल-ए-नादाँ न धड़क कोई ख़त ले के पड़ोसी के घर आया होगा इस गुलिस्ताँ की यही रीत है ऐ शाख़-ए-गुल तू ने जिस फूल को पाला वो पराया होगा दिल की क़िस्मत ही में लिक्खा था अंधेरा शायद वर्ना मस्जिद का दिया किस ने बुझाया होगा गुल से लिपटी हुई तितली को गिरा कर देखो आँधियो तुम ने दरख़्तों को गिराया होगा खेलने के लिए बच्चे निकल आए होंगे चाँद अब उस की गली में उतर आया होगा ‘कैफ़’ परदेस में मत याद करो अपना मकाँ अब के बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal ज...

आप जिन के क़रीब होते हैं Aap Jin Ke Kareeb Hote Hain Nuh Narvi Ghazal

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आप जिन के क़रीब होते हैं वो बड़े ख़ुश-नसीब होते हैं जब तबीअ’त किसी पर आती है मौत के दिन क़रीब होते हैं मुझ से मिलना फिर आप का मिलना आप किस को नसीब होते हैं ज़ुल्म सह कर जो उफ़ नहीं करते उन के दिल भी अजीब होते हैं इश्क़ में और कुछ नहीं मिलता सैकड़ों ग़म नसीब होते हैं ‘नूह’ की क़द्र कोई क्या जाने कहीं ऐसे अदीब होते हैं   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Riaz Ghazal फ़हमीदा रियाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल  

तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम Tang Aa Chuke Hain Kashmakash-E-Zindagi Se Hum Sahir Ludhianvi Ghazal

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तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम मायूसी-ए-मआल-ए-मोहब्बत न पूछिए अपनों से पेश आए हैं बेगानगी से हम लो आज हम ने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीद लो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम उभरेंगे एक बार अभी दिल के वलवले गो दब गए हैं बार-ए-ग़म-ए-ज़िंदगी से हम गर ज़िंदगी में मिल गए फिर इत्तिफ़ाक़ से पूछेंगे अपना हाल तिरी बेबसी से हम अल्लाह-रे फ़रेब-ए-मशिय्यत कि आज तक दुनिया के ज़ुल्म सहते रहे ख़ामुशी से हम   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Ria...

लाई हयात आए क़ज़ा ले चली चले Lai Hayat Aaye Qaza Le Chali Chale Shekh Ibrahim Zauq Ghazal

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लाई हयात आए क़ज़ा ले चली चले अपनी ख़ुशी न आए न अपनी ख़ुशी चले हो उम्र-ए-ख़िज़्र भी तो हो मालूम वक़्त-ए-मर्ग हम क्या रहे यहाँ अभी आए अभी चले हम से भी इस बिसात पे कम होंगे बद-क़िमार जो चाल हम चले सो निहायत बुरी चले बेहतर तो है यही कि न दुनिया से दिल लगे पर क्या करें जो काम न बे-दिल-लगी चले लैला का नाक़ा दश्त में तासीर-ए-इश्क़ से सुन कर फ़ुग़ान-ए-क़ैस बजा-ए-हुदी चले नाज़ाँ न हो ख़िरद पे जो होना है हो वही दानिश तिरी न कुछ मिरी दानिश-वरी चले दुनिया ने किस का राह-ए-फ़ना में दिया है साथ तुम भी चले चलो यूँही जब तक चली चले जाते हवा-ए-शौक़ में हैं इस चमन से ‘ज़ौक़’ अपनी बला से बाद-ए-सबा अब कभी चले   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of...

नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम Naya Ek Rishta Paida Kyun Karein Hum Jaun Eliya Ghazal

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नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी कोई हंगामा बरपा क्यूँ करें हम ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं वफ़ा-दारी का दावा क्यूँ करें हम वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यूँ करें हम सुना दें इस्मत-ए-मरियम का क़िस्सा पर अब इस बाब को वा क्यों करें हम ज़ुलेख़ा-ए-अज़ीज़ाँ बात ये है भला घाटे का सौदा क्यों करें हम हमारी ही तमन्ना क्यूँ करो तुम तुम्हारी ही तमन्ना क्यूँ करें हम किया था अह्द जब लम्हों में हम ने तो सारी उम्र ईफ़ा क्यूँ करें हम उठा कर क्यों न फेंकें सारी चीज़ें फ़क़त कमरों में टहला क्यों करें हम जो इक नस्ल-ए-फ़रोमाया को पहुँचे वो सरमाया इकट्ठा क्यों करें हम नहीं दुनिया को जब पर्वा हमारी तो फिर दुनिया की पर्वा क्यूँ करें हम बरहना हैं सर-ए-बाज़ार तो क्या भला अंधों से पर्दा क्यों करें हम हैं बाशिंदे उसी बस्ती के हम भी सो ख़ुद पर भी भरोसा क्यों करें हम चबा लें क्यों न ख़ुद ही अपना ढाँचा तुम्हें रातिब मुहय्या क्यों करें हम पड़ी रहने दो इंसानों की लाशें ज़मीं का बोझ हल्का क्यों करें हम ये बस्ती है मुसलमानों क...

ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ Ze-Haal-E-Miskin Makun Taghaful Amir Khusro Ghazal

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ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ कि ताब-ए-हिज्राँ नदारम ऐ जाँ न लेहू काहे लगाए छतियाँ शबान-ए-हिज्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़ ओ रोज़-ए-वसलत चूँ उम्र-ए-कोताह सखी पिया को जो मैं न देखूँ तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ यकायक अज़ दिल दो चश्म जादू ब-सद-फ़रेबम ब-बुर्द तस्कीं किसे पड़ी है जो जा सुनावे पियारे पी को हमारी बतियाँ चूँ शम-ए-सोज़ाँ चूँ ज़र्रा हैराँ ज़ मेहर-ए-आँ-मह बगश्तम आख़िर न नींद नैनाँ न अंग चैनाँ न आप आवे न भेजे पतियाँ ब-हक्क-ए-रोज़-ए-विसाल-ए-दिलबर कि दाद मारा ग़रीब ‘ख़ुसरव’ सपीत मन के वराय रखूँ जो जा के पाऊँ पिया की खतियाँ   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज...

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है Patta Patta Boota Boota Haal Hamara Jane Hai Mir Taqi Mir Ghazal

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पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है लगने न दे बस हो तो उस के गौहर-ए-गोश को बाले तक उस को फ़लक चश्म-ए-मह-ओ-ख़ुर की पुतली का तारा जाने है आगे उस मुतकब्बिर के हम ख़ुदा ख़ुदा किया करते हैं कब मौजूद ख़ुदा को वो मग़रूर-ए-ख़ुद-आरा जाने है आशिक़ सा तो सादा कोई और न होगा दुनिया में जी के ज़ियाँ को इश्क़ में उस के अपना वारा जाने है चारागरी बीमारी-ए-दिल की रस्म-ए-शहर-ए-हुस्न नहीं वर्ना दिलबर-ए-नादाँ भी इस दर्द का चारा जाने है क्या ही शिकार-फ़रेबी पर मग़रूर है वो सय्याद बचा ताइर उड़ते हवा में सारे अपने असारा जाने है मेहर ओ वफ़ा ओ लुत्फ़-ओ-इनायत एक से वाक़िफ़ इन में नहीं और तो सब कुछ तंज़ ओ किनाया रम्ज़ ओ इशारा जाने है क्या क्या फ़ित्ने सर पर उस के लाता है माशूक़ अपना जिस बे-दिल बे-ताब-ओ-तवाँ को इश्क़ का मारा जाने है रख़नों से दीवार-ए-चमन के मुँह को ले है छुपा या’नी इन सूराख़ों के टुक रहने को सौ का नज़ारा जाने है तिश्ना-ए-ख़ूँ है अपना कितना ‘मीर’ भी नादाँ तल्ख़ी-कश दम-दार आब-ए-तेग़ को उस के आब-ए-गवारा जाने है   Ghazals of Shaa...

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है Chupke Chupke Raat Din Aansu Bahana Yaad Hai Hasrat Mohani Ghazal

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चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है बा-हज़ाराँ इज़्तिराब ओ सद-हज़ाराँ इश्तियाक़ तुझ से वो पहले-पहल दिल का लगाना याद है बार बार उठना उसी जानिब निगाह-ए-शौक़ का और तिरा ग़ुर्फ़े से वो आँखें लड़ाना याद है तुझ से कुछ मिलते ही वो बेबाक हो जाना मिरा और तिरा दाँतों में वो उँगली दबाना याद है खींच लेना वो मिरा पर्दे का कोना दफ़अ’तन और दुपट्टे से तिरा वो मुँह छुपाना याद है जान कर सोता तुझे वो क़स्द-ए-पा-बोसी मिरा और तिरा ठुकरा के सर वो मुस्कुराना याद है तुझ को जब तन्हा कभी पाना तो अज़-राह-ए-लिहाज़ हाल-ए-दिल बातों ही बातों में जताना याद है जब सिवा मेरे तुम्हारा कोई दीवाना न था सच कहो कुछ तुम को भी वो कार-ख़ाना याद है ग़ैर की नज़रों से बच कर सब की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ वो तिरा चोरी-छुपे रातों को आना याद है आ गया गर वस्ल की शब भी कहीं ज़िक्र-ए-फ़िराक़ वो तिरा रो रो के मुझ को भी रुलाना याद है दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिए वो तिरा कोठे पे नंगे पाँव आना याद है आज तक नज़रों में है वो सोहबत-ए-राज़-ओ-नियाज़ अपना जाना याद है तेरा बुलाना याद है मीठी मीठी छेड़ ...

अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे Ab To Ghabra Ke Ye Kehte Hain Ki Mar Jayenge Sheikh Ibrahim Zauq Ghazal

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अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे तुम ने ठहराई अगर ग़ैर के घर जाने की तो इरादे यहाँ कुछ और ठहर जाएँगे ख़ाली ऐ चारागरो होंगे बहुत मरहम-दाँ पर मिरे ज़ख़्म नहीं ऐसे कि भर जाएँगे पहुँचेंगे रहगुज़र-ए-यार तलक क्यूँ कर हम पहले जब तक न दो आलम से गुज़र जाएँगे शो’ला-ए-आह को बिजली की तरह चमकाऊँ पर मुझे डर है कि वो देख के डर जाएँगे हम नहीं वो जो करें ख़ून का दावा तुझ पर बल्कि पूछेगा ख़ुदा भी तो मुकर जाएँगे आग दोज़ख़ की भी हो जाएगी पानी पानी जब ये आसी अरक़-ए-शर्म से तर जाएँगे नहीं पाएगा निशाँ कोई हमारा हरगिज़ हम जहाँ से रविश-ए-तीर-ए-नज़र जाएँगे सामने चश्म-ए-गुहर-बार के कह दो दरिया चढ़ के गर आए तो नज़रों से उतर जाएँगे लाए जो मस्त हैं तुर्बत पे गुलाबी आँखें और अगर कुछ नहीं दो फूल तो धर जाएँगे रुख़-ए-रौशन से नक़ाब अपने उलट देखो तुम मेहर-ओ-मह नज़रों से यारों की उतर जाएँगे हम भी देखेंगे कोई अहल-ए-नज़र है कि नहीं याँ से जब हम रविश-ए-तीर-ए-नज़र जाएँगे ‘ज़ौक़’ जो मदरसे के बिगड़े हुए हैं मुल्ला उन को मय-ख़ाने में ले आओ सँवर जाएँगे   Ghazals of Sh...

नगरी नगरी फिरा मुसाफ़िर घर का रस्ता भूल गया Nagri Nagri Fira Musafir Ghar Ka Rasta Bhool Gaya Miraji Ghazal

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नगरी नगरी फिरा मुसाफ़िर घर का रस्ता भूल गया क्या है तेरा क्या है मेरा अपना पराया भूल गया क्या भूला कैसे भूला क्यूँ पूछते हो बस यूँ समझो कारन दोश नहीं है कोई भूला भाला भूल गया कैसे दिन थे कैसी रातें कैसी बातें घातें थीं मन बालक है पहले प्यार का सुंदर सपना भूल गया अँधियारे से एक किरन ने झाँक के देखा शरमाई धुँदली छब तो याद रही कैसा था चेहरा भूल गया याद के फेर में आ कर दिल पर ऐसी कारी चोट लगी दुख में सुख है सुख में दुख है भेद ये न्यारा भूल गया एक नज़र की एक ही पल की बात है डोरी साँसों की एक नज़र का नूर मिटा जब इक पल बीता भूल गया सूझ-बूझ की बात नहीं है मन-मौजी है मस्ताना लहर लहर से जा सर पटका सागर गहरा भूल गया   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghaz...

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता Kabhi Kisi Ko Mukammal Jahan Nahi Milta Nida Fazli Ghazal

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कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता तमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न हो जहाँ उमीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता कहाँ चराग़ जलाएँ कहाँ गुलाब रखें छतें तो मिलती हैं लेकिन मकाँ नहीं मिलता ये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैं ज़बाँ मिली है मगर हम-ज़बाँ नहीं मिलता चराग़ जलते ही बीनाई बुझने लगती है ख़ुद अपने घर में ही घर का निशाँ नहीं मिलता   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Riaz Ghazal फ़हमीदा रियाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल  

ले चला जान मिरी रूठ के जाना तेरा Le Chala Jaan Miri Rooth Ke Jana Tera Daag Dehlvi Ghazal

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ले चला जान मिरी रूठ के जाना तेरा ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा अपने दिल को भी बताऊँ न ठिकाना तेरा सब ने जाना जो पता एक ने जाना तेरा तू जो ऐ ज़ुल्फ़ परेशान रहा करती है किस के उजड़े हुए दिल में है ठिकाना तेरा आरज़ू ही न रही सुब्ह-ए-वतन की मुझ को शाम-ए-ग़ुर्बत है अजब वक़्त सुहाना तेरा ये समझ कर तुझे ऐ मौत लगा रक्खा है काम आता है बुरे वक़्त में आना तेरा ऐ दिल-ए-शेफ़्ता में आग लगाने वाले रंग लाया है ये लाखे का जमाना तेरा तू ख़ुदा तो नहीं ऐ नासेह-ए-नादाँ मेरा क्या ख़ता की जो कहा मैं ने न माना तेरा रंज क्या वस्ल-ए-अदू का जो तअ’ल्लुक़ ही नहीं मुझ को वल्लाह हँसाता है रुलाना तेरा काबा ओ दैर में या चश्म-ओ-दिल-ए-आशिक़ में इन्हीं दो-चार घरों में है ठिकाना तेरा तर्क-ए-आदत से मुझे नींद नहीं आने की कहीं नीचा न हो ऐ गोर सिरहाना तेरा मैं जो कहता हूँ उठाए हैं बहुत रंज-ए-फ़िराक़ वो ये कहते हैं बड़ा दिल है तवाना तेरा बज़्म-ए-दुश्मन से तुझे कौन उठा सकता है इक क़यामत का उठाना है उठाना तेरा अपनी आँखों में अभी कौंद गई बिजली सी हम न समझे कि ये आना है कि जाना तेरा यूँ तो क्या आएगा तू फ़र्त-ए-नज़ाकत से य...

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता Ye Na Thi Hamari Qismat Ki Wisal-E-Yaar Hota Mirza Ghalib Ghazal

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ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता तिरे वा’दे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए’तिबार होता तिरी नाज़ुकी से जाना कि बँधा था अहद बोदा कभी तू न तोड़ सकता अगर उस्तुवार होता कोई मेरे दिल से पूछे तिरे तीर-ए-नीम-कश को ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार होता रग-ए-संग से टपकता वो लहू कि फिर न थमता जिसे ग़म समझ रहे हो ये अगर शरार होता ग़म अगरचे जाँ-गुसिल है प कहाँ बचें कि दिल है ग़म-ए-इश्क़ गर न होता ग़म-ए-रोज़गार होता कहूँ किस से मैं कि क्या है शब-ए-ग़म बुरी बला है मुझे क्या बुरा था मरना अगर एक बार होता हुए मर के हम जो रुस्वा हुए क्यूँ न ग़र्क़-ए-दरिया न कभी जनाज़ा उठता न कहीं मज़ार होता उसे कौन देख सकता कि यगाना है वो यकता जो दुई की बू भी होती तो कहीं दो-चार होता ये मसाईल-ए-तसव्वुफ़ ये तिरा बयान ‘ग़ालिब’ तुझे हम वली समझते जो न बादा-ख़्वार होता   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of...

यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ Yaaro Mujhe Muaf Rakho Main Nashe Mein Hoon Mir Taqi Mir Ghazal

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यारो मुझे मुआ’फ़ रखो मैं नशे में हूँ अब दो तो जाम ख़ाली ही दो मैं नशे में हूँ एक एक क़ुर्त दौर में यूँ ही मुझे भी दो जाम-ए-शराब पुर न करो मैं नशे में हूँ मस्ती से दरहमी है मिरी गुफ़्तुगू के बीच जो चाहो तुम भी मुझ को कहो मैं नशे में हूँ या हाथों हाथ लो मुझे मानिंद-ए-जाम-ए-मय या थोड़ी दूर साथ चलो मैं नशे में हूँ मा’ज़ूर हूँ जो पाँव मिरा बे-तरह पड़े तुम सरगिराँ तो मुझ से न हो मैं नशे में हूँ भागी नमाज़-ए-जुमा तो जाती नहीं है कुछ चलता हूँ मैं भी टुक तो रहो मैं नशे में हूँ नाज़ुक-मिज़ाज आप क़यामत हैं ‘मीर’ जी जूँ शीशा मेरे मुँह न लगो मैं नशे में हूँ   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की...

ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही Khabar-E-Tahayyur-E-Ishq Sun Siraj Aurangabadi Ghazal

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ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही न तो तू रहा न तो मैं रहा जो रही सो बे-ख़बरी रही शह-ए-बे-ख़ुदी ने अता किया मुझे अब लिबास-ए-बरहनगी न ख़िरद की बख़िया-गरी रही न जुनूँ की पर्दा-दरी रही चली सम्त-ए-ग़ैब सीं क्या हवा कि चमन ज़ुहूर का जल गया मगर एक शाख़-ए-निहाल-ए-ग़म जिसे दिल कहो सो हरी रही नज़र-ए-तग़ाफ़ुल-ए-यार का गिला किस ज़बाँ सीं बयाँ करूँ कि शराब-ए-सद-क़दह आरज़ू ख़ुम-ए-दिल में थी सो भरी रही वो अजब घड़ी थी मैं जिस घड़ी लिया दर्स नुस्ख़ा-ए-इश्क़ का कि किताब अक़्ल की ताक़ पर जूँ धरी थी त्यूँ ही धरी रही तिरे जोश-ए-हैरत-ए-हुस्न का असर इस क़दर सीं यहाँ हुआ कि न आइने में रही जिला न परी कूँ जल्वागरी रही किया ख़ाक आतिश-ए-इश्क़ ने दिल-ए-बे-नवा-ए-‘सिराज’ कूँ न ख़तर रहा न हज़र रहा मगर एक बे-ख़तरी रही   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sa...

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ Tere Ishq Ki Intiha Chahta Hoon Allama Iqbal Ghazal

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तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ सितम हो कि हो वादा-ए-बे-हिजाबी कोई बात सब्र-आज़मा चाहता हूँ ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को कि मैं आप का सामना चाहता हूँ ज़रा सा तो दिल हूँ मगर शोख़ इतना वही लन-तरानी सुना चाहता हूँ कोई दम का मेहमाँ हूँ ऐ अहल-ए-महफ़िल चराग़-ए-सहर हूँ बुझा चाहता हूँ भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी बड़ा बे-अदब हूँ सज़ा चाहता हूँ   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Riaz Ghazal फ़हमीदा रियाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल  

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे Bazeecha-E-Atfaal Hai Duniya Mire Aage Mirza Ghalib Ghazal

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बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मिरे आगे इक खेल है औरंग-ए-सुलैमाँ मिरे नज़दीक इक बात है एजाज़-ए-मसीहा मिरे आगे जुज़ नाम नहीं सूरत-ए-आलम मुझे मंज़ूर जुज़ वहम नहीं हस्ती-ए-अशिया मिरे आगे होता है निहाँ गर्द में सहरा मिरे होते घिसता है जबीं ख़ाक पे दरिया मिरे आगे मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तिरे पीछे तू देख कि क्या रंग है तेरा मिरे आगे सच कहते हो ख़ुद-बीन ओ ख़ुद-आरा हूँ न क्यूँ हूँ बैठा है बुत-ए-आइना-सीमा मिरे आगे फिर देखिए अंदाज़-ए-गुल-अफ़्शानी-ए-गुफ़्तार रख दे कोई पैमाना-ए-सहबा मिरे आगे नफ़रत का गुमाँ गुज़रे है मैं रश्क से गुज़रा क्यूँकर कहूँ लो नाम न उन का मिरे आगे ईमाँ मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र काबा मिरे पीछे है कलीसा मिरे आगे आशिक़ हूँ प माशूक़-फ़रेबी है मिरा काम मजनूँ को बुरा कहती है लैला मिरे आगे ख़ुश होते हैं पर वस्ल में यूँ मर नहीं जाते आई शब-ए-हिज्राँ की तमन्ना मिरे आगे है मौजज़न इक क़ुल्ज़ुम-ए-ख़ूँ काश यही हो आता है अभी देखिए क्या क्या मिरे आगे गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मिरे आगे हम-पेशा ओ हम-मशरब ओ हम...

आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो Aahat Si Koi Aaye To Lagta Hai Ki Tum Ho Jan Nisar Akhtar Ghazal

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आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो साया कोई लहराए तो लगता है कि तुम हो जब शाख़ कोई हाथ लगाते ही चमन में शरमाए लचक जाए तो लगता है कि तुम हो संदल से महकती हुई पुर-कैफ़ हवा का झोंका कोई टकराए तो लगता है कि तुम हो ओढ़े हुए तारों की चमकती हुई चादर नद्दी कोई बल खाए तो लगता है कि तुम हो जब रात गए कोई किरन मेरे बराबर चुप-चाप सी सो जाए तो लगता है कि तुम हो   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Riaz Ghazal फ़हमीदा रियाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल  

सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है Seene Mein Jalan Ankhon Mein Tufan Sa Kyun Hai Shahryar Ghazal

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सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यूँ है दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँडे पत्थर की तरह बे-हिस ओ बे-जान सा क्यूँ है तन्हाई की ये कौन सी मंज़िल है रफ़ीक़ो ता-हद्द-ए-नज़र एक बयाबान सा क्यूँ है हम ने तो कोई बात निकाली नहीं ग़म की वो ज़ूद-पशेमान पशेमान सा क्यूँ है क्या कोई नई बात नज़र आती है हम में आईना हमें देख के हैरान सा क्यूँ है   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म Ghazals of Fahmida Riaz Ghazal फ़हमीदा रियाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल  

तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है Tum Aaye Ho Na Shab-E-Intezar Guzri Hai Faiz Ahmad Faiz Ghazal

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तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है तलाश में है सहर बार बार गुज़री है जुनूँ में जितनी भी गुज़री ब-कार गुज़री है अगरचे दिल पे ख़राबी हज़ार गुज़री है हुई है हज़रत-ए-नासेह से गुफ़्तुगू जिस शब वो शब ज़रूर सर-ए-कू-ए-यार गुज़री है वो बात सारे फ़साने में जिस का ज़िक्र न था वो बात उन को बहुत ना-गवार गुज़री है न गुल खिले हैं न उन से मिले न मय पी है अजीब रंग में अब के बहार गुज़री है चमन पे ग़ारत-ए-गुल-चीं से जाने क्या गुज़री क़फ़स से आज सबा बे-क़रार गुज़री है   Ghazals of Shaad Azimabadi Ghazal शाद अज़ीमाबादी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shahryar Ghazal शहरयार की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Shakeel Badayuni Ghazal शकील बदायूनी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Waseem Barelvi Ghazal वसीम बरेलवी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Mohammad Rafi Sauda Ghazal मोहम्मद रफ़ी सौदा की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Hasrat Mohani Ghazal हसरत मोहानी की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Bashar Nawaz Ghazal बशर नवाज़ की ग़ज़लें ग़ज़ल Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल Nazms Of Fahmida Riaz फ़हमीदा रियाज़ की नज़्में नज़्म ...