Thursday, December 19, 2024

आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो Aahat Si Koi Aaye To Lagta Hai Ki Tum Ho Jan Nisar Akhtar Ghazal

आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो
साया कोई लहराए तो लगता है कि तुम हो
जब शाख़ कोई हाथ लगाते ही चमन में
शरमाए लचक जाए तो लगता है कि तुम हो
संदल से महकती हुई पुर-कैफ़ हवा का
झोंका कोई टकराए तो लगता है कि तुम हो
ओढ़े हुए तारों की चमकती हुई चादर
नद्दी कोई बल खाए तो लगता है कि तुम हो
जब रात गए कोई किरन मेरे बराबर
चुप-चाप सी सो जाए तो लगता है कि तुम हो

 

 

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