Saturday, November 2, 2024

बीच जमुनमा हे कोसी माय / अंगिका

बीच जमुनमा हे कोसी माय
कदम के गाछ हे
ओहि चाढ़ि कोसी पारे हाक हे
कहाँ गेलै किए भेलो झिमला मल्लाह रे
जल्दी से उतारें पार रे
टूटलियो नइया हे कोसी माय
टूटल करूवारि हे
कौन विधि उतारब पार हे
जोड़ि लेबेइ नइया रे झिमला
जोड़ब करूवारि रे,
हिंगुर ढोरब दुनू मांगि रे
खने-खने खेबै रे मलहा,
खने भसियाबे रे
खने मांगे घटवारि रे
एहि पार देबौ रे झिमला
पाकल बीड़ा पान रे
ओहि पार गला गिरमल हार रे ।

No comments:

Post a Comment

Featured post

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो Yunhi Be-Sabab Na Fira Karo Koi Bashir Badr Ghazal

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करो कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक स...