Saturday, March 10, 2018

Hum Tum – Hum Tum

Movie: Hum Tum
Year: 2004
Director: Kunal Kohli
Music: Jatin-Lalit
Lyrics: Prasoon Joshi
Singers: Alka Yagnik, Babul Supriyo

Babul
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
Alka
हम्म हम्म हम्म ला ला ला ला

Babul
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
धीमी सी धड़कन को बढने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
हम, हम तुम
तुम, हम तुम

Alka
आँखों में हमको उतरने दो ज़रा
बाहों में हमको पिघलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
हम, हम तुम
तुम, हम तुम
Babul
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा

Babul
सलवटें कहीं करवटें कहीं
फ़ैल जाए काजल भी तेरा
Alka
नज़रों में हो गुज़रता हुआ
ख्वाबों का कोई खाफिला
Babul
जिस्मो को रूहों को जलने दो ज़रा
शर्मो हया को मचलने दो ज़रा
Alka
आ लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
Babul हम
Alka हम तुम
Alka तुम
Babul हम तुम
Babul
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा

Alka
छूलों बदन मगर इस तरह
जैसे सुरीला साज़ हो
Babul
अन्धेरें छुपे तेरी ज़ुल्फ़ में
खोलो के रात आज़ाद हो
Alka
आँचल को सीने से ढलने दो ज़रा
शबनम की बूँदें फिसलने दो ज़रा
Babul
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
Babul हम
Alka हम तुम
Alka तुम
Babul हम तुम

Babul
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
Alka
बाँहों में हमको पिघलने दो ज़रा
Babul
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाए
Babul हम
Alka हम तुम
Alka तुम
Babul हम तुम

Alka हम, हम तुम
तुम, हम तुम

No comments:

Post a Comment

Featured post

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो Yunhi Be-Sabab Na Fira Karo Koi Bashir Badr Ghazal

यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करो कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक स...