Friday, November 1, 2024

अगर चन्दन का बण्या रे किवाड़ / निमाड़ी लोकगीत

 अगर चन्दन का बण्या रे किवाड़,

बावन चन्दन की कोठड़ी,

कोठड़ी मऽ बठ्या राणी रनुबाई नार हो,

बाळा कुंवर की मावली।

भोळा हो धणियेर, भोळा तुम्हारो राज,

तो नव दिन पियर हम जावां जी।

तुम देवी मूरख गंवार,

नव दिन पीयर मत जाओ।

तपऽ तपऽ चैत केरो घाम,

कड़ी को बाळो कुम्हलई जासे

तुम्हारा बाला खऽ राखो तुम्हारा पास,

नव दिन पियर हम जावां जी।।

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