हमरो पिया ओतहि गमाओल, हमर कोन अपराध यो
फागुन हे सखी आम मजरि गेल, कोइली बाजय घमसान यो
कोइली शब्द सुनि हिया मोर सालय, इहो थिक फागुन मास यो
चैत हे सखि पर्व लगतु हैं, सब सखि गंगा स्नान यो
सब सखि पहिरय पीअर पीताम्बर, हमरो के दैवा दुख देल यो
बैसाख हे सखि उषम ज्वाला, घाम सँ भीजल शरीर यो
रगड़ि चन्दन अंग न लेपितहुँ जँ गृह रहितथि कंत यो
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