हमसे खिंचत न गगरिया कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया / अवधी

 हमसे खिंचत न गगरिया कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया


वोहि सासू मोरी जनम की बैरनि,

दुई-दुई भरावें गगरिया, कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया


वोहि देवरा मोरे बचपन का साथी

काँधे टेकावै गगरिया मोरी छल्ला मुन्दरिया


अंटा चढ़े उइ सैयां जो देखैं,

कहैं इक-इक उठावो गगरिया, कमर तोरी छल्ला मुन्दरिया


जो सैयां हमें इतना चाहत हो,

भोरै लगावौ कहरिया, कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया

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