कंहवा कै यह माती हथिनिया / अवधी

 कंहवा कै यह माती हथिनिया, कंहवा कै यह जाए

केहिके दुआरे लवंगिया कै बिरवा, तेहि तरे हथिनी जुड़ाए


उन्ह्वा वर का निवास कै यह माती हथिनिया,

उन्ह्वा वधु का निवास कै यह जाए

फलाने बाबू वधु के पिता का नाम द्वारे लवंगिया कै बिरवा,

तेहि तरे हथिनी जुड़ाए


महला से उतरे हैं भैया कवन बाबु वधु के भाई का नाम,

हाथ रुमालिया मुख पान

आपनि हथिनी पछारो बहनोइया,

टूटै मोरी लौंगा क डारि


भितरा से निकरी हैं बहिनी कवनि देई वधु का नाम,

सुनो भैया बिनती हमारि

जेहिके दुआरे भैया इत्ता दल उतरा सुघर बर उतरा,

त का भैया लौंगा क डारि??

अन्य अवधी लोकगीत 

Comments

Popular posts from this blog

बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला, पाँव में घुंगरू बांध के नाचे, LYRICS

जय जय गिरिराज किसोरी jai jai giriraj kishori jai mahesh mukh chand chakori bhawani bhajan from ramayan

श्री शिवाष्टक / चालीसा