Saturday, November 2, 2024

दै दै मुरलिया मोरी राधिका / अवधी

 कृष्ण:--दै दे मुरलिया मोरी राधिका, दै दे मुरलिया मोरी

राधिका दै दे मुरलिया


कृष्ण:-- यह मुरली मोरे प्राण बसत है

वहो भाई रे चोरी राधिका, वहो भाई रे चोरी

राधिका दै दे मुरलिया...


कृष्ण:-- काहे से गौबे काह बजौबे

काहे से गौवें टेरी राधिका, काहे से गौवें टेरी ?(गायों को कैसे बुलाऊँ )

राधिका दै दे मुरलिया...


राधा:-- मुख से गावो ताल बजावो

बोलि के गौवें टेरो श्याम, तुम बोलि के गौवें टेरो

श्याम न देबे मुरलिया तोरी...


राधा:-- एहि मुरली धुन खूब सतायो

खूब करयो है बरजोरी श्याम, तुम खूब करयो है बरजोरी

श्याम न देबे मुरलिया तोरी...

अन्य अवधी लोकगीत 


कृष्ण:-- हाथ जोड़ तोसे विनय करत हूँ

प्रण करत कलिन्दी (यमुना) ओरी राधिका, करत कलिन्दी ओरी

राधिका दै मुरलिया मोरी...

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