राम, सेवक दुख सुनय विषहरि लेल परवेश
किये लय पूजू मइया, किये चढ़ाएब
राम, किये लए करब मइया तोहरो शृंगार
दूध लऽ पूजब मइया, लाबा चढ़ाएब
राम, अड़हुल फूल लय करब शृंगार
फल मध्य गुअबा, नैवेद्य मध्य पान
राम, देवी मध्य विषहरि, दोसर ने आन
अन्य मैथिली लोकगीत
हम ने जीअब बिनु राम हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम / मैथिली लोकगीत
नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली / मैथिली लोकगीत
गे माई हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब, मोर गौरी रहती कुमारी / मैथिली लोकगीत
दुर-दुर छीया ए छीया, एहन बौराहा बर संग जयती कोना धीया / मैथिली लोकगीत
ना जायब, ना जायब, ना जायब हे सखि गौरी अंगनमा / मैथिली लोकगीत
No comments:
Post a Comment