अंगनमा मे, हे भवनमा मे
सांपहि सांप बाम-दहिन छल
चित्र-विचित्र बसनमा मे
नित दिन भीख कतऽ सँ लायब
घुरि फिरि जाहु अंगनमा मे
भीखो ने लिअय जोगी, घुरियो ने जाइ
गौरी हे निकलू अंगनमा मे
भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइन
शिव सन दानी के भुवनमा मे
अन्य मैथिली लोकगीत
हम ने जीअब बिनु राम हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम / मैथिली लोकगीत
नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली / मैथिली लोकगीत
गे माई हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब, मोर गौरी रहती कुमारी / मैथिली लोकगीत
दुर-दुर छीया ए छीया, एहन बौराहा बर संग जयती कोना धीया / मैथिली लोकगीत
ना जायब, ना जायब, ना जायब हे सखि गौरी अंगनमा / मैथिली लोकगीत
No comments:
Post a Comment