जुनि करू राम विरोग हे जननी / मैथिली लोकगीत

जुनि करू राम विरोग हे जननी
सुतल छलहुँ सपन एक देखल
देखल अवधक लोक हे जननी
दुइ पुरुष हम अबइत देखल
एक श्यामल एक गोर हे जननी
कंचन गढ़ हम जरइत देखल
लंकामे उठल किलोल हे जननी
सेतु बान्ह हम बन्हाइत देखल
समुद्र मे उठल हिलोर हे जननी
अन्य मैथिली लोकगीत

Comments

Popular posts from this blog

लोरी और बालगीत फ़िल्मों से Baby Lori Song Hindi Lyrics

प्रिये हम जाइत छी वनवास / मैथिली लोकगीत

एक बार हम गएन बंबई नौकरी कीन्हा तीन / अवधी