छोटी-मोटी नीमक गछिया / मैथिली लोकगीत
छोटी-मोटी नीमक गछिया, चतरल-चतरल डारि
ताही ठाम पाँचो बहिनी, खेलय जुआ सारि
जुअबा खेलइते माइ हे, टुटल गृमलहार
कनइते खिजइते विषहरि, गहबर लोठाइ
जुनि कानू, जुनि खीजू विषहरि माइ
आबऽ दिअ पटबा, गथायब गृमलहार
पहिरि-ओढ़िय विषहरि, आंगन भेली ठाढ़ि
चान-सुरूजक जोति, गेल मुरझाइ
अन्य मैथिली लोकगीत
हम ने जीअब बिनु राम हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम / मैथिली लोकगीत
नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली / मैथिली लोकगीत
गे माई हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब, मोर गौरी रहती कुमारी / मैथिली लोकगीत
दुर-दुर छीया ए छीया, एहन बौराहा बर संग जयती कोना धीया / मैथिली लोकगीत
ना जायब, ना जायब, ना जायब हे सखि गौरी अंगनमा / मैथिली लोकगीत
Comments
Post a Comment