राम, मिलैत-जुलैत विषहरि के भए गेल साँझ
आमा गर मिलय गेली पउती-पेटार
राम, बाबा घर मिलय गेली देल धेनु गाय
भउजो गर मिलय गेली, मुखहु ने बोल
राम, भइया गर मिलय गेली लहंगा-पटोर
अन्य मैथिली लोकगीत
हम ने जीअब बिनु राम हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम / मैथिली लोकगीत
नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली / मैथिली लोकगीत
गे माई हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब, मोर गौरी रहती कुमारी / मैथिली लोकगीत
दुर-दुर छीया ए छीया, एहन बौराहा बर संग जयती कोना धीया / मैथिली लोकगीत
ना जायब, ना जायब, ना जायब हे सखि गौरी अंगनमा / मैथिली लोकगीत
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