जाइ छी ताही देश दधि-सुत, जाइ छी ताही देश / मैथिली लोकगीत

जाइ छी ताही देश दधि-सुत, जाइ छी ताही देश
जहाँ बसथि मोहि श्याम सुन्दर, धरथि नटवर वेश
नन्दक नन्दन जगत वन्दन, सकल भवन के नरेश
शोभा सिंधु मोहिनी मुरति, कुटिल काम दिनेश
सुभग शीतल अमृत दाता, कहब हुनि इहो उपदेश
मोहि अनाथ के नाथ करू प्रभु, कहथि बूढ़ सन्देश
अन्य मैथिली लोकगीत

Comments

Popular posts from this blog

लोरी और बालगीत फ़िल्मों से Baby Lori Song Hindi Lyrics

प्रिये हम जाइत छी वनवास / मैथिली लोकगीत

एक बार हम गएन बंबई नौकरी कीन्हा तीन / अवधी