बटोही अँटकि जाहु एहिठाम
कहाकँ तोहें सुन्दर बटोही
कहाँ तोहर निज धाम
मोहिनी मुरलिया श्याम सुरतिया
तिरछी नजरिया तोहार
श्यामल गोर संगमे नारी
सब तऽ अति सुकुमार
राम लखन संगमे किशोरी
बारह बरस बनवास
हे ग्रामीण जुनि पूछह निज बात
राजा दशरथ सन पिता त्यागल
रानी कौशल्या सन माय
हे ग्रामीण नहि अटकब एहिठाम
श्याम गोर किशोर अवस्था
पाँव पैदल वन जाय
कोना कऽ विपति गमायब बटोही
अँटकि जाहु एहिठाम
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