एक तऽ हम बारी कुमारी / मैथिली लोकगीत

एक तऽ हम बारी कुमारी, दोसरमे शिव के दुलारी
कि आहे सखिया, कोने अवगुनमा शिव मोरा त्यागल रे की
फुल लोढ़य गेलहुँ बाड़ी, सड़िया अँटकि गेल डारी
कि आहे सखिया बिनु शिव सड़िया के उतारत रे की
जाहि बाटे शिव गेला, दुभिया जनमि गेल
कि आहे सखिया तइयो ने घुरि शिव गृह आयल रे की
के तोरा जन्म देल, के तोरा कर्म देल
कि आहे सखिया के तोर पाती-पाती लीखल रे की
माय-बाप जन्म देल, शिव मोरा कर्म देल
कि आहे सखिया, भोला मोर पाती-पाती लीखल रे की
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