राम, ताहि तर विषहरि खेलू जुआसारि
जुअबा खेलइते विषहरि भेली बेसूधि
राम, ताहि खन काग उड़ि हार लय गेल
कनइते-खीजइते विषहरि धयल पछोर
राम, जहाँ धय बैसबह, दागब तोर ठोर
बाटहि भेटि गेला महादेव बाप
राम, कहाँ तोर आसन-वासन, कहाँ स्थान
किनकर बेटी तोहेँ, किये थिक नाम
जमुना-दह आसन-वासन, नीमतर चउपाड़ि
राम, गौरी दाइ के बेटी हम, विषहरि नाम
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